UP Politics: जाति व्यवस्था को लेकर मोहन भागवत के बयान पर बृजलाल खाबरी ने दी प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?
Mohan Bhagwat Remark: बृजलाल खाबरी ने कहा कि जब-जब देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव आते हैं तब तब भाजपा और आरएसएस के लोग ऐसे बयान दिया करते हैं. साफ है मौर्य और भागवत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.
Mohan Bhagwat Statement on Caste System: आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) द्वारा वर्ण व्यवस्था को लेकर दिए गए बड़े बयान के बाद राजनीति शुरू हो गई है. इस मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बाद अब कांग्रेस (Congress) के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी (Brijlal Khabri) ने भी बड़ा बयान दिया है. बृजलाल खाबरी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन चौपाईयों के साथ जंग शुरू की थी उस पर भागवत जी ने भी मुहर लगा दी है. इससे साफ हो जाता है कि बीजेपी (BJP) और सपा (SP) दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.
बांदा पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने एबीपी गंगा से बात करते हुए कहा कि जब-जब देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव आते हैं तब तब भाजपा और आरएसएस के लोग ऐसे ही बयान दिया करते हैं. आज यह स्पष्ट जरूर हो गया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य जी जो चौपाई को लेकर जंग में आए थे उस पर आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत जी ने मुहर लगाई है. इससे साफ है कि भाजपा और सपा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. उन्होंने कहा की भागवत ने पहले मौर्य से इसकी शुरुआत कराई और उन्हें लगा कि ये खेल सिमटता नजर आ रहा है तो अपने हाथ में लेकर वार करना शुरू कर दिया है.
मोहन भागवत के बयान पर बोला हमला
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संघ प्रमुख ने एक बात और कही है कि नौजवान और युवा नौकरियों के पीछे ना भागे. उनका सीधा सा इशारा है कि जो भी नौजवान बेरोजगार हैं अपने पुराने पेशे पर लौट जाएं. ये कहने का मोहन भागवत जी को अधिकार नहीं है. ये खुद युवाओं को सोचना है कि वो क्या चाहते हैं. मोहन भागवत जो ये सलाह दे रहे है उसके पीछे भी राज है. सरकार नौकरियां नहीं दे पा रही है जबकि 2014 में दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था. भाजपा की सरकार और आरएसएस एक हैं अलग नहीं है.
सरकार, देश को संविधान के तहत चलाने के लिए बनाई जाती है लेकिन सरकार, देश को संविधान के तहत ना चलाकर रूढ़िवादी व्यवस्था में ले जाना चाहती है. जिसका जो कर्म था उस पर जाएं नौकरियों के पीछे ना भागे.
वर्ण व्यवस्था को लेकर कही ये बात
खाबरी ने कहा कि आज जिस तरह से मोहन भागवत जी ने बयान दिया कि जातियां भगवान ने नहीं ब्राह्मणों ने बनाई हैं, पंडितों ने बनाई हैं तो क्या मोहन भागवत जी ये बताएंगे कि वो ब्राह्मण नहीं हैं. अगर ब्राह्मण हैं तो कौन से ब्राह्मणों ने बनाई हैं. स्पष्ट करें. इसके पीछे तर्क सिर्फ ये है कि जो लोकसभा का चुनाव आ रहा है ये फिर से जाति-जाति खेल करके धर्म-धर्म खेल करके देश की जनता और मतदाता को गुमराह करके फिर से सरकार में आा चाहते हैं ताकि देश को पूरी तरह बेच सके. मौर्य और भागवत दोनों लोकसभा चुनाव को भ्रमित कर रहे हैं.
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