RSS Chief in Ayodhya: अपने दो दिवसीय अयोध्या दौरे से वापसी के पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे. सबसे पहले वह रामलला का दर्शन करने पहुंचे और दर्शन पूजन के बाद आरती भी की. दर्शन के बाद उन्होंने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्य को देखा और एलएनटी के इंजीनियरों से निर्माण को लेकर जवाब सवाल भी किए. राम मंदिर का मान चित्र देखकर पूरी निर्माण प्रक्रिया को समझा और राम मंदिर निर्माण स्थल के नीचे से निकले अवशेषों को भी करीब से देखा. वहीं, उन्होंने गुरुवार को कारसेवक पुरम में उन्होंने अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग प्रशिक्षण शाखा में भी भाग लिया और संघ के पदाधिकारियों के अभ्यास को नजदीक से देखा और उन्हें देश और समाज के प्रति उनके कर्तव्यों का भी बोध कराया.


रामजन्म भूमि परिसर में 40 मिनट बिताए


अयोध्या से जाने के पहले वह लगभग 3:45 बजे राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने लगभग 40 मिनट बिताए. सबसे पहले उन्होंने अस्थाई मंदिर में जाकर रामलला के दर्शन पूजन किए और उसके बाद उनकी आरती उतारी रामलला के पुजारियों ने उन्हें रामचरितमानस और अंग वस्त्र भेंट किए.


राम मंदिर का निर्माण कार्य देखा 


दर्शन पूजन से निवृत्त होने के बाद संघ प्रमुख समीप ही उस स्थान पर गए जहां रामलला का भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है. निर्माण एजेंसी एलएनटी ने मंदिर के मानचित्र के जरिए उन्हें पूरी निर्माण प्रक्रिया समझाई. जिसके बाद उन्होंने एलएनटी के इंजीनियरों से परिचय प्राप्त किया और निर्माण प्रक्रिया को लेकर कई सवाल किए.


संघ की प्रशिक्षण शाखा में भी गए


इसके पहले गुरुवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत कारसेवक पुरम में चल रहे संघ के शारीरिक वर्ग प्रशिक्षण शाखा में भी गए और लाठी चलाने के अभ्यास को देखा उन्होंने संघ कार्यकर्ताओ से कहा कि भविष्य में उन्हें और अधिक चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने को तैयार करना होगा उन्होंने अफगानिस्तान की बदली परिस्थितियों और पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न का भी जिक्र किया और यह भी कहने में गुरेज नही किया कि जितना सतर्क विदेशी ताकतों से रहने की जरूरत है उससे भी अधिक अपने देश में रह रहे उन लोगो से सतर्क रहना होगा जो विदेशी ताकतों से मिलकर अपने देश को नुकसान पहुंचा सकते है ।


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि, 5 अगस्त 2020 के बाद संघ संचालक परम पूज्य मोहन भागवत अयोध्या पधारे. हमारी स्वाभाविक इच्छा थी वह निर्माण कार्य देखें. वह देश में घूमते रहते हैं, उनको सुन सुनकर जानकारी मिलती है. कभी-कभी हम ही संदेश दे देते हैं लेकिन आंखों से देखने का असर अलग होता है, इसलिए उन्होंने भगवान के दर्शन किये, आरती की. जमीन से जो विशाल पत्थर निकले थे उनका दर्शन किया. कंस्ट्रक्शन स्थान तक वह गए और उनको उसी स्थान तक ले जाया गया जहां राष्ट्रपति महोदय को ले जाया गया था. 



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