सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) के एक बयान पर बवाल मचा हुआ है. दरअसल राजभर ने कहा था कि अगर जिन्ना (Muhammad ali Jinnah) को देश का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया होता तो देश का बंटवारा नहीं होता. दरअसल राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के जिन्ना पर दिए बयान के समर्थन में यह बयान दिया था. अखिलेश के बयान पर बीजेपी ने उन्हें आड़े हाथों लिया था. वहीं आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने राजभर के बयान पर कहा है कि जिन्हें जिन्ना प्यारे हैं, वो पाकिस्तान चले जाएं. आइए हम आपको बताते हैं कि जिन्ना पर इस तरह का बयान देने वाले राजभर ऐसे अकेले नेता नहीं हैं. दरअसल आरएसएस (RSS) के नेता और समर्थक भी इस तरह के बयान देते रहते हैं. 


आएएसएस के पूर्व प्रचारक ने भी की ओमप्रकाश राजभर जैसी बात


पूर्व पत्रकार और भारत के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने वीर सावरकर पर एक किताब लिखी है. इस किताक का विमोचन समारोह 1 नवंबर को जयपुर में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पत्रिका ऑर्गनाइजर के पूर्व संपादक और आरएसएस के पूर्व प्रचारक शेषाद्रि चारी भी शामिल हुए थे. इसमें उन्होंने कहा था कि विभाजन से बचने के लिए मोहम्मद अली जिन्ना को अविभाजित भारत का पहला प्रधानमंत्री बनाया जा सकता था. उन्होंने कहा जिन्ना की मौत तय थी, क्योंकि वो टीबी से ग्रसित थे. 


Om Prakash Rajbhar on Jinnah: अखिलेश यादव के जिन्ना बयान पर मचा है बवाल, अब ओमप्रकाश राजभर ने देखिए क्या कह दिया


विमोचन समारोह में शेषाद्रि चारी ने कहा था, ''अगर 15 अगस्त, 1947 को जिन्ना को आप प्रधानमंत्री बना भी देते. तो हम भगवान से प्रार्थना करते कि वो 100 साल तक जिंदा रहें. लेकिन वो जिंदा नहीं रह सकते थे. अंग्रेज जानते थे कि जिन्ना टीबी रोगी हैं और वो एक साल भी जिंदा नहीं रहेंगे. ये अंग्रेजों को पता था.'' उन्होंने कहा था, ''लेकिन दुर्भाग्य से हमारे समय के नेताओं ने पता नहीं क्यूं इस बात पर विचार नहीं किया. अगर हमारे नेताओं ने तब इस बारे में सोचा होता और उन्हें प्रधानमंत्री पद की पेशकश की होती तो कम से कम विभाजन नहीं होता. हालांकि ये अगल मु्द्दा है कि उनके बाद प्रधानमंत्री कौन बनता, लेकिन उस समय विभाजन नहीं होता.''


कितने दिन जीते मोहम्मद अली जिन्ना?


चारी ने कहा था, ''पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के लगभग 11 महीने बाद ही जिन्ना की मौत हो गई. लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू की जिद के कारण जिन्ना को प्रधानमंत्री नहीं बनाया जा सका. जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाने की सावरकर और केएम मुंशी की बात अगर महात्मा गांधी और पंडित नेहरू मान लेते तो आज पाकिस्तान और तालिबान की कोई समस्या नहीं होती और ना देश का विभाजन होता.''


अखिलेश यादव के बयान पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि जिन्ना पर अखिलेश यादव के बयान में कुछ भी गलत नहीं है. देश को आज़ादी दिलाने में जिन्ना का बड़ा योगदान था. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जिन्ना की तारीफ करते थे. उन्होंने यह भी कहा कि लालकृष्ण आडवाणी उनकी मजार पर जा चुके हैं.


दरअसल अखिलेश यादव ने हरदोई में कहा था कि सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना ने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी और देश को आजाद कराया. अखिलेश के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सपा प्रमुख ने देश तोड़ने वाले जिन्ना से राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना की. यह बहुत ही शर्मनाक है.


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