कोरोना योद्धाओं का सम्मान करेगा संघ, मोहन भागवत ने भी की तारीफ, संयुक्त परिवार के जरिये लव जिहाद और धर्मांतरण पर अंकुश लगाने की नसीहत
मोहन भागवत ने कोरोना योद्धाओं के साथ ही उन नागरिकों और संस्थाओं के प्रयासों के हौसले की भी तारीफ की है, जिन्होंने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए विपरीत हालातों में दूसरों की खुलकर मदद की है. उन्होंने कहा है कि इस मुश्किल वक्त में सभी को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए.
प्रयागराज: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों की सेवा और सहायता करने वाले कोरोना योद्धाओं के जज्बे को सलाम करते हुए उनका सम्मान करने का बड़ा फैसला किया है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने खुद ऐसे लोगों की जमकर तारीफ की है और आरएसएस के पदाधिकारियों समेत स्वयं सेवकों से इनसे संपर्क स्थापित करने और हौसला अफजाई के लिए इन्हें सम्मानित करने की नसीहत दी है. मोहन भागवत का कहना है कि सम्मान करने से न सिर्फ इन कोरोना योद्धाओं का उत्साहवर्धन होगा, बल्कि इससे दूसरे लोगों को भी महामारी के मुश्किल वक्त में परेशान और जरूरतमंद लोगों की सेवा व सहायता करने की प्रेरणा मिलेगी.
सभी को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए संघ प्रमुख भागवत ने कोरोना योद्धाओं के साथ ही उन नागरिकों और संस्थाओं के प्रयासों के हौसले की भी तारीफ की है, जिन्होंने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए विपरीत हालातों में दूसरों की खुलकर मदद की है. उन्होंने कहा है कि इस मुश्किल वक्त में सभी को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए. सामाजिक सहभागिता से ही इस महामारी का मुकाबला किया जा सकता है. संघ प्रमुख ने सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं से भी लोगों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के मुश्किल हालात में धार्मिक स्थलों के दरवाजे सबके लिए समान रूप से खुले थे. इस तरह की कोशिशों से ही कोरोना को काबू में किया जा सकता है. उन्होंने पर्यावरण समेत कई दूसरे मुद्दों पर भी स्वयं सेवकों और आम नागरिकों को तमाम सुझाव दिए.
कुटुंब की अवधारणा को मजबूत करने पर जोर संगम नगरी प्रयागराज में चल रही संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की दो दिनों की बैठक में कोरोना योद्धाओं के सम्मान के साथ ही कई दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक बैठक में लव जिहाद और धर्मांतरण की घटनाओं पर चिंता जताते हुए परिवार और कुटुंब की अवधारणा को मजबूत करने पर जोर दिया गया. कहा गया कि इस तरह की बुराइयां संयुक्त परिवार न होने और परिवारों में ही महिलाओं का सम्मान नहीं किये जाने की वजह से होती हैं. अगर संयुक्त परिवार रहेंगे और घर में ही महिलाओं का उचित सम्मान और अधिकार दिया जाएगा तभी इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है. बैठक में कारोबारियों और युवाओं से संपर्क कर उन्हें संस्था से जोड़ने की भी रणनीति तय की गई.
तय की गई भविष्य की रणनीति संघ की दो दिनों की इस बैठक में कई दूसरे सम सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा की गई. बैठक में संघ की तरफ से पिछले एक साल में किये गए कामों की समीक्षा हुई तो साथ ही आगे की रणनीति भी तय की गई. बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही सर कार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी समेत आरएसएस के फ्रंट लाइन के सभी नेता मौजूद थे.
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