इटावाः उत्तर प्रदेश की इटावा पुलिस ने यहां चोरी के वाहनों का पंजीकरण कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में पुलिस जांच होने पर पता चला है कि आरोपी 2015 से 2017 तक इटावा और औरैया कार्यालय में तैनात रहे थे.


इसके चलते इटावा जिले के परिवहन विभाग के राजस्व निरीक्षक और चार लिपिक को सस्पेंड किया गया है. जनवरी में चोरी के वाहनों का पंजीकरण कराने वाले गैंग का पर्दाफाश होने के बाद इटावा पुलिस ने 46 वाहन बरामद किये थे. जिसमें इटावा और औरैया के लिपिकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी.


परिवहन विभाग के पांच कर्मी हुए सस्पेंड


दरअसल 3 जनवरी को इटावा पुलिस ने चोरी के वाहनों का पंजीकरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था. इसके बाद परिवहन विभाग के एक राजस्व निरीक्षक और चार लिपिकों की मिली भगत सामने आई है. जांच के बाद इन सभी लोगों को निलंबित कर दिया गया है. यह लोग वर्ष 2015 से लेकर 2017 तक इटावा और औरैया जनपदों में तैनात रहे हैं. अब उनकी तैनाती दूसरे जिलों में है.


आठ जनवरी को परिवहन विभाग की उच्च स्तरीय जांच टीम में शामिल उपायुक्त परिवहन मुख्यालय एमएल चौरसिया, उपायुक्त परिवहन आगरा जेएस तिवारी ने आरटीओ कानपुर संजय सिंह के साथ मामले की जांच पड़ताल की थी. कई पत्रावलियों में त्रुटियां पाई गई थीं और मूल प्रपत्र नहीं मिले थे.


चोरी के वाहनों का करते थे पंजीकरण


साथ ही कई वाहनों में रजिस्ट्रेशन करने के बाद एनओसी जारी करने वाले विभाग को सूचना नहीं दी गई थी. जांच टीम की ओर से शासन को रिपोर्ट भेजने के बाद राजस्व निरीक्षक जय सिंह कानपुर में तैनात थे और उनके पास उस समय औरैया का चार्ज था. इनको निलंबित कर दिया गया है, जबकि लिपिक बेबी उरूसा, प्रभाष कुमार, अमित शुक्ला, प्रदीप कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है.


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