इटावाः उत्तर प्रदेश के इटावा में बीडीसी मेंबर को लेकर बीजेपी और सपा कार्यकर्ताओं में कोर्ट के सामने जमकर मारपीट हुई है. बीडीसी मेंबर को अगवा करने को लेकर सपा ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी आनंद यादव पर मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसके बाद गायब हुए बीडीसी ने कोर्ट में पेश होकर बयान दिया था कि वह अपनी मर्जी से बाहर गया था. मौके पर पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अंशुल यादव और बीजेपी सदर विधायिका सरिता भदौरिया के बीच हुई जमकर नोकझोंक को लेकर पुलिस को काफी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. 


दरअसल, ब्लॉक प्रमुख चुनाव की तारीख आने से पहले ही इटावा में सपा और बीजेपी में घमासान शुरू हो गया है. बढ़पुरा ब्लॉक के बीडीसी को अपने पाले में करने के लिए कोर्ट के बाहर बीजेपी और सपा के कार्यकर्ताओं में जमकर घमासान हआ है. बताते चलें कि इटावा के बढ़पुरा ब्लॉक जो की इटावा सदर विधायक बीजेपी की सरिता भदौरिया का गांव भी है, वहां से बीडीसी सदस्य 3 दिन पहले गायब हो गया था. जिसको लेकर बढ़पुरा ब्लॉक के सपा प्रत्याशी आनंद यादव पर बीडीसी को अगवा करने का मुकदमा दर्ज हुआ था.


कोर्ट में अचानक पेश हुआ बीडीसी सदस्य


जिसके बाद गुरुवार शाम को बीडीसी सदस्य कोर्ट में हाजिर होता है और कोर्ट में बयान दर्ज कराता है कि वह अपनी मर्जी से बाहर गया था, उसको किसी ने अगवा नहीं किया था. जिसके बाद न्यायधीश ने आदेश दिया कि वह अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकता है. दरअसल, बीजेपी विधायक और कार्यकर्ता बीडीसी सदस्य को उसके घरवालों के सुपुर्द करना चाहते थे, लेकिन समाजवादी पार्टी के लोगों का कहना था कि घर से बीडीसी सदस्य को बीजेपी वाले अपने साथ ले जाएंगे.


इसी कश्मकश में दोनों पार्टियों के लोगों के बीच कोर्ट के बाहर घमासान देखने को मिला. इसी बीच जानकारी मिलने पर बीजेपी विधायक सरिता भदौरिया भी मौके पर पहुंच गई. वहीं अखिलेश यादव के चचेरे भाई और इटावा से जिला पंचायत अध्यक्ष जो कि निर्विरोध चुने गए हैं, वह भी मौके पर पहुंचे. दोनों लोगों में जमकर नोकझोंक हुई. उसके बाद किसी तरह मामला शांत हुआ.


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