लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान ग्राम विकास से जुड़े एक सवाल पर ग्राम विकास मंत्री महेंद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी में जबरदस्त नोकझोंक हुई। इसके बाद सदन को 55 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि बाद में ग्राम विकास मंत्री ने अपनी भाषा को लेकर खेद जताया।
एक प्रश्न के जवाब में ग्राम विकास मंत्री महेंद्र सिंह ने बुंदेलखंड में पानी की समस्या कम करने का दावा किया। इस पर नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने बुंदेलखंड क्षेत्र में काम ना होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सीबीआई जांच हो तो जेल जाएंगे ग्राम विकास मंत्री। इसके बाद दोनों में बहस बढ़ गई और मंत्री महेंद्र सिंह ने औकात की बात कर दी।
इसे लेकर सपा, बसपा, कांग्रेस सभी के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे और धरने पर बैठ गए। हालांकि बाद में इसे लेकर मंत्री महेंद्र सिंह और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने खेद जताया। खेद व्यक्त करते हुए असंसदीय भाषा को कार्यवाही से हटाने की बात भी कही गई। सुरेश खन्ना ने कहा की महेंद्र सिंह ने अपने शब्द वापस लिए हैं, और शब्द वापस लेने का मतलब पश्चाताप करना होता है। बसपा विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा में भी इस घटनाक्रम को दुर्भाग्य पूर्ण बताया। हंगामे के बाद सदन में अनुपूरक बजट पेश किया गया।