लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मानसून सत्र के पहले दिन मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा किया। इस पर सभापति ने पहले दो बार आधे आधे घंटे के लिये बाद में पूरे दिन के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।


विधान परिषद की कार्यवाही सुबह ग्यारह बजे सभापति रमेश यादव के सभापतित्व में आरंभ हुई। इसके बाद कार्यपरामर्श दात्री समिति की संस्तुतियों को सदन के पटल पर रखा गया। सभापति द्वारा संख्या एक पुकारे जाने पर समाजवादी पार्टी के सभी सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे।


नेता विपक्ष अहमद हसन के नेतृत्व में सपा सदस्य सोनभद्र में भूमि विवाद के चलते दस लोगों की हत्या और संभल में दो पुलिसकर्मियों की हत्या का उल्लेख किया। सपा सदस्य सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे और हाथ में पोस्टर भी लहरा रहे थे। इन पोस्टरों पर लिखा था 'प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है', 'झूठ कपट की यह सरकार नहीं चलेगी नही चलेगी', 'सपा कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे बंद करो बंद करो।'


शोरगुल और हंगामे के बीच सभापति यादव ने 11 बजकर 4 मिनट पर सदन को साढ़े ग्यारह बजे तक के लिए और फिर बाहर बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।


दोपहर बारह बजे कार्यवाही फिर से शुरू होने पर सभापति ने विधान परिषद के पूर्व सदस्यों देवी दयाल शास्त्री, तनवीर हैदर उस्मानी, मधुबन सिंह, अनवार अहमद, हर प्रसाद तिवारी एवं डॉक्टर वा. ई. डी. सिंह के निधन पर शोक संदेश पढ़ा तथा उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये सदन में कुछ क्षण के लिये मौन रखा।


इसके बाद सपा के सदस्य सभापति के आसन के समक्ष आकर और बसपा तथा कांग्रेस के सदस्य अपने-अपने स्थान पर खडे़ होकर नारेबाजी करने लगे जिस पर सभापति यादव ने सदन की बैठक कल 19 जुलाई सुबह ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।


बाद में सदन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था तो पूरी तरह ध्वस्त है ही साथ ही सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद आजम खान पर करीब तीन दर्जन फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिये गये हैं। हम इन सभी मुद्दों को सदन में उठायेंगे और इस सरकार की दमनकारी नीतियों का जमकर विरोध करेंगे।