Hanuman Garhi Temple Ayodhya: अयोध्या में आज हनुमानगढ़ी के साधु-संत और प्रसाद विक्रेता आमने-सामने हो गए. हनुमानगढ़ी के प्रसाद विक्रेताओं पर घटिया किस्म के लड्डू निर्माण का आरोप लगाने के बाद कुछ साधु संतों ने लड्डू के छाल को सड़कों पर फेंक दिया और प्रसाद विक्रेताओं से अभद्रता की. इसके बाद आक्रोशित प्रसाद विक्रेताओं ने अयोध्या की सभी प्रमुख दुकाने बंद करा दी. इस सारी अराजकता और विवाद में प्रत्यक्षदर्शी की भूमिका में पुलिस नजर आई. मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन के सामने ही आक्रोशित संत समाज के लोगों ने प्रसाद विक्रेताओं के फल और लड्डू को सड़कों पर फेंकना शुरू कर दिया जिसके बाद विवाद बढ़ गया.


दरअसल, लॉकडाउन से ही प्रशासन ने हनुमानगढ़ी मंदिर पर प्रसाद और फूल पर प्रतिबंध लगा दिया था. कल गद्दी नशीन के द्वारा प्रसाद पुनः चढ़ाए जाने को लेकर मंदिर में पुजारियों को निर्देशित किया गया था जिस पर पुजारियों ने प्रसाद की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए प्रसाद चढ़ाने पर रोक बरकरार रखी. जिसके बाद आज सुबह करीब 1:30 घंटे तक मंदिर का मुख्य फाटक बंद करा दिया गया जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन करने नहीं मिला. सूचना पर पहुंचे जिला प्रशासन के बाद मंदिर का पट खोला गया और पुनः प्रसाद चढ़ाए जाना शुरू हुआ. इसी बीच संतों का एक गुट प्रसाद विक्रेताओं के ऊपर गुणवत्ता को लेकर आरोप लगाते हुए रखे हुए लड्डू को सड़कों पर फेंकने लगे. प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से संतो को मनाया तब तक व्यापारी भी आक्रोशित हो गए थे और व्यापारियों ने अयोध्या की सभी प्रमुख दुकानों को बंद करना शुरू कर दिया. मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन के लोग व्यापारी और साधु-संतों में सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं और पुलिस लाउडस्पीकर के जरिए दुकानों को पुनः खोले जाने का की अपील दुकानदारों से कर रही है.


राष्ट्रीय महासचिव निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत गौरी शंकर दास ने बताया कि मंदिर में आपस में चर्चा परिचर्चा थी. किसी तरीके का कोई विवाद नहीं था. हनुमानगढ़ी में पंचायती व्यवस्था आज भी लागू है और उस पंचायती बातों की वजह से ही ताला बंद किया गया था. कोरोना काल में लड्डू नहीं चढ़ाया जा रहा था जिस पर आपस में विचार विमर्श किया गया. आपस में बातें होने के पश्चात प्रसाद चढ़ाए जाने पर सहमति बनी है लेकिन प्रसाद विक्रेता निम्न क्वालिटी का खराब प्रसाद की बिक्री कर रहे हैं. हम प्रशासन से यह मांग करते हैं कि इन सबकी जांच कराकर इनके ऊपर विधिक कार्रवाई की जाए.


व्यापारियों ने लगाए गंभीर आरोप


वहीं व्यापारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि हनुमानगढ़ी पर प्रसाद को लेकर के कुछ मामला चल रहा था. साधु संतों में आपस में कुछ बातें चल रही थी उसमें जिला प्रशासन बिचौलिया का काम कर रहा था. समझौता का मामला चल रहा था. सीओ अयोध्या और अन्य अधिकारी मौजूद थे. व्यापारियों ने कहा कि लड्डू का यहां पर चढ़ावा होना चाहिए क्योंकि यह सदियों से चढ़ता चला आ रहा है और यहां पर दुकानदारों को किसी भी तरह की परेशान न किया जाए. लेकिन एक ग्रुप अपना वर्चस्व कायम करने के लिए 30 से 35 की संख्या में आया और दुकानदारों को मारा पीटा और उनके जितने भी लड्डू यहां पर बिक्री करने के लिए रखे थे उसको सड़कों पर उठा कर फेंक दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की मौजूदगी में यह सब कार्यक्रम हुआ है और इस तरह से अगर गुंडागर्दी होती रहेगी तो व्यापारी चुप नहीं बैठेंगे.


वहीं क्षेत्राधिकारी अयोध्या ने बताया कि प्रसाद चढ़ाने और ना चढ़ाने को लेकर साधु संतों में हनुमानगढ़ी परिसर में वार्ता चल रही थी इसी बीच कुछ लोग आकर प्रसाद की दुकानों को बंद कराने लगे. बंद कराने के दरमियान व्यापारियों का लड्डू जमीन पर गिर गया जिसके बाद आक्रोशित व्यापारियों ने दुकानें बंद कराने शुरू कर दी जिस पर हम लोगों ने स्थानीय वार्ता कर दुकान पुनः खुलवाने का प्रयास किया है.


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