महाकुंभ मेला छोड़ 'रुद्राक्ष बाबा' ने किया दिल्ली कूच, कम जमीन मिलने से हैं नाराज
Rudraksh Baba left Maha Kumbh: महाकुंभ छोड़ने वाले शिव योगी मौनी महाराज ने कहा वह अपने शिविर में द्वादश ज्योतिर्लिंगों को प्रतीकात्मक तौर पर स्थापित कर रोजाना भगवान भोलेनाथ की महाआरती करना चाहते थे.
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Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में साढ़े पांच करोड़ रुद्राक्ष के साथ अनुष्ठान करने पहुंचे परमहंस पीठाधीश्वर शिवयोगी मौनी महाराज उर्फ रुद्राक्ष बाबा के शिविर में कई कार्यक्रम आयोजित होने थे. लेकिन कम जमीन और सुविधाएं मिलने से मौनी बाबा नाराज हो गए हैं और उन्होंने महाकुंभ मेला छोड़ दिया है. मौनी बाबा ने मां गंगा को प्रणाम कर संगम की रेती को छोड़ दिया है और दिल्ली कूच कर गए हैं.
मेला छोड़ते वक्त मौनी बाबा बेहद भावुक नजर आए और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. उन्होंने नई दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री दफ्तर के बाहर आमरण अनशन शुरू करने की धमकी दी है. मौनी बाबा के दिल्ली कूच से मेला क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. प्रयागराज में कुंभ-महाकुंभ और हर साल लगने वाले माघ मेले में मौनी बाबा श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं. तमाम लोग उन्हें रुद्राक्ष वाले बाबा के नाम से जानते हैं.
महाकुंभ छोड़ने वाले शिव योगी मौनी महाराज का कहना है कि आस्था के इस मेले में वह पांच करोड़ इक्यावन लाख रुद्राक्ष के जरिए भारत के हिंदू राष्ट्र बनने, सनातन धर्म के मजबूत होने, महाकुंभ के दिव्य और भव्य स्वरूप में सफल होने, देश की प्रगति, अयोध्या के बाद काशी और मथुरा में मंदिर के निर्माण और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के मुद्दों को लेकर महायज्ञ और अनुष्ठान करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने मेला प्रशासन से कई महीने पहले ही ज्यादा जमीन और सुविधाओं की मांग की थी. वह अपने शिविर में द्वादश ज्योतिर्लिंगों को प्रतीकात्मक तौर पर स्थापित करना चाहते थे. रोजाना भगवान भोलेनाथ की महाआरती करना चाहते थे. नित्य गंगा के तट पर हजारों दीपदान करना चाहते थे. इस अनुष्ठान के निमित्त उन्होंने महीनों पैदल यात्रा करते हुए दस हजार घरों से रुद्राक्ष व पूजन की सामग्री इकट्ठा की थी.
2019 से भी कम जमीन और सुविधाएं दी गईं- मौनी बाबा
मौनी बाबा के मुताबिक अफसरों ने उनसे ज्यादा जमीन और सुविधाएं देने का वादा भी किया था, लेकिन यहां उन्हें पिछली बार यानी 2019 से भी कम जमीन और सुविधाएं दी गईं. इतनी कम जगह पर उनका अनुष्ठान संभव नहीं था. उन्होंने लाख गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनने को राजी नहीं हुआ. इससे वह बेहद दुखी और मर्माहत हैं, मोनी बाबा ने दुखी मन से शुक्रवार की शाम को मेला छोड़ दिया और नई दिल्ली के लिए कूच कर गए.
भोलेनाथ के परम भक्त हैं रुद्राक्ष बाबा
शिवयोगी मौनी महाराज फिर से कमर तक हजारों रुद्राक्ष धारण किए रहते हैं. भोलेनाथ के परम भक्त हैं, हाथ में त्रिशूल लिए रहते हैं. अनूठी साधना के लिए जाने जाते हैं, बेबाक अंदाज में बोलते हैं. शरीर पर हजारों रुद्राक्ष धारण करने की वजह से लोग उन्हें रुद्राक्ष वाले बाबा के नाम से भी जानते हैं.
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