Uttarakhand News: रुद्रप्रयाग जिले के दूरस्थ गांवों में विकास की किरण पहुंचाना प्रशासन का उद्देश्य है. प्रशासन अंतिम गांवों में पहुंचकर चौपाल का आयोजन कर रहा है, जिससे जन समस्याओं का समय से समाधान हो सके. ग्रामीण जनता को भी चौपाल में आकर अपनी समस्याओं को रखना होगा, तभी क्षेत्र के साथ ही जिले का विकास संभव हो पाएगा. बता दें कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान करने और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सरकार सप्ताह के अंतर्गत प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया है.


इसी क्रम में शनिवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में कालीमठ घाटी की अंतिम ग्राम पंचायत चैमासी में ग्राम चौपाल का आयोजन किया गया. इसमें क्षेत्र वासियों और जनप्रतिनिधियों की समस्याओं को प्रमुखता से सुना गया. चौपाल में जिलाधिकारी ने बताया कि सुशासन सप्ताह के अंतर्गत जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा ग्राम स्तर पर चौपाल कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसी क्रम में सुदूर ग्राम पंचायत चैमासी में चौपाल आयोजित की गई. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी समस्याएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें धनराशि की आवश्यकता होगी. ऐसे प्रस्तावों पर जनपद स्तर और आवश्यकता होने पर सरकार से धनराशि की मांग की जाएगी.


उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों की मांग पर केदारघाटी अथवा रामबाड़ा, सोनप्रयाग आदि से जोड़ने की मांग पर भी वार्ता की गई. इस दौरान उन्होंने निर्माणाधीन पर्यटन सूचना केंद्र को पहाड़ी शैली में तैयार करने के निर्देश दिए. साथ सड़क मार्ग और प्रतीक्षालय का निरीक्षण भी किया. चौपाल के दौरान संबंधित अधिकारियों ने सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी ग्रामीणों को दी. स्थानीय लोगों की मांग पर जिलाधिकारी ने कालीमठ में शिक्षा विभाग की बिल्डिंग पर पटवारी चौकी संचालित करने के निर्देश दिए.


बैंक शाखा खोलने की बात कही गई


ग्राम चौपाल कार्यक्रम में चैमासी के प्रधान मुलायम सिंह ने ग्राम पंचायत चैमासी से रामबाड़ा सड़क मार्ग निर्माण के लिए संयुक्त निरीक्षण करने की बता की. उन्होंने प्राथमिक विद्यालय में एकल अध्यापक होने, चैमासी-चिलौंड सरस्वती नदी पर पुलिया निर्माण करने और चैपाल में बन रहे पर्यटन सूचना केंद्र के निर्माण में धन का अभाव होने की समस्याएं रखी. कोटमा की प्रधान आशा देवी ने ग्राम पंचायत कोटमा में राष्ट्रीयकृत बैंक शाखा खोलने और छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत प्राथमिक विद्यालय कोटमा में सुरक्षा दीवार निर्माण की मांग की. इसके अलावा ग्रामीणों ने गांव में जंगली जानवरों का आतंक होने पर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की.


वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कालीमठ घाटी में महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनआरएलएम द्वारा संचालित महिला स्वयं सहायता समूहों के कार्यों का निरीक्षण किया. इस अवसर पर उन्होंने जाल-मल्ला में नारी शक्ति ग्राम संगठन द्वारा शुरू की गई डोना पत्तल और गिलास यूनिट का शुभारंभ भी किया.


महिलाओं की आजीविका वृद्धि की बात की गई


जिलाधिकारी ने महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डोना पत्तल और गिलासों की बिक्री यात्रा मार्ग पर करने के लिए तैयार करें. इसमें किसी भी प्रकार से प्लास्टिक का इस्तेमाल न किया जाए. कोटमा स्थित उन्नति स्वायत सहकारिता में चल रही हैंडलूम यूनिट का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने यहां तैयार हो रहे उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने सभी उत्पादों को पहाड़ी शैली में तैयार करने और उत्पादों पर जिले और समूह के टैग लगाने को भी कहा. उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग के अलावा ऑनलाइन माध्यम से भी इन उत्पादों को बेचा जाना चाहिए, ताकि महिलाओं की आजीविका में वृद्धि हो सके. 


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