आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को टूटा सब्र, मांगों को लेकर किया धरना-प्रदर्शन, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
रुद्रप्रयाग में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. उनकी मुख्य मांग वेतन बढ़ोत्तरी की है. वेतन ना बढ़ने की वजह से वो खासी परेशान हैं.
Rudraprayag Anganwadi workers Protest: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां सड़कों पर उतर आई हैं. उनका साफ कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं की तो वो उग्र आंदोलन के लिए भी तैयार हैं. सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
सीएम पुष्कर सिंह धामी को भेजा ज्ञापन
बता दें कि, लंबे समय से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. उनकी मुख्य मांग वेतन बढ़ोत्तरी की है, जिस कारण से वो खासी परेशान हैं. सोमवार को जिले के तीनों विकासखंडों से आई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां जिला मुख्यालय में एकत्र हुई और यहां से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची. इसके बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा.
सरकार नहीं दे रही है ध्यान
आंगनबाड़ी संगठन की जिलाध्यक्ष सुनिता बत्र्वाल और कोषाध्यक्ष सुमन खण्डूड़ी ने कहा कि मांगों को लेकर प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां सड़कों पर हैं. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रही हैं. महंगाई को देखते हुए उन्हें मिल रहा मानदेय काफी कम है, जिससे घर चलाने के साथ ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, मिनी कार्यकत्रियां और सेविका लंबे समय से अपनी आवाज उठाती आई हैं. विगत तीन सालों से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां धरना-प्रदर्शन कर रही हैं, बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है.
किया जाएगा उग्र आंदोलन
आंगनबाड़ी संगठन की जिलाध्यक्ष सुनिता बत्र्वाल और कोषाध्यक्ष सुमन खण्डूड़ी ने कहा कि सरकार ने मांगों पर ध्यान देने के बजाय दो महीने का वेतन काटा है. वहीं, एक हजार रुपये मानदेय में बढ़ोतरी की बात की गई, जिस पर कार्यकत्रियों ने अपनी असंतुष्टि व्यक्त की. उन्होंने कहा कि महंगाई के इस दौर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां धरातल पर काम कर रही हैं फिर भी उन्हें न्यूनतम मानदेय के तौर पर दौ सौ रुपये दिहाड़ी दी जा रही है. उनके साथ काम करने वाली हेल्पर को उन्हीं की दिहाड़ी का पचास प्रतिशत और मिनी कार्यकत्री को उससे कम दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मिलने वाले मानदेय से कार्यकत्रियां अपने परिवार के भरण पोषण और जरुरतों को पूरा नहीं कर पा रही हैं. धरने पर बैठी कार्यकत्रियों ने कहा कि सरकार ने जल्द से जल्द मानदेय में बढ़ोत्तरी नहीं की तो प्रदेश भर में आंदोलन को उग्र किया जाएगा.
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