Rudraprayag: केदारनाथ धाम स्थित श्री भैरवनाथ मंदिर परिसर में छेड़छाड़ और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में पुलिस ने कड़ा कदम उठाया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर रुद्रप्रयाग पुलिस ने मजदूर, ठेकेदार और निर्माण कार्य में लगी कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली है. यह मामला जन भावनाओं को आहत करने और धार्मिक स्थल की पवित्रता भंग करने के आरोपों से जुड़ा है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें भैरवनाथ मंदिर परिसर में एक व्यक्ति जूतों के साथ घूमते हुए और हाथ में डंडा लेकर मूर्तियों से छेड़छाड़ करता हुआ दिखाई दिया. यह वीडियो मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था. मामले की गंभीरता को देखते हुए रुद्रप्रयाग पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि यह वीडियो थोड़ा पुराना है और वीडियो में दिख रहा व्यक्ति केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में लगी गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी का मजदूर है.
पुलिस बोली- दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
रुद्रप्रयाग पुलिस ने कोतवाली सोनप्रयाग में इस मामले को लेकर धारा 298 और 331 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया है. अभियोग संख्या 73/2024 के तहत मजदूर सज्जन कुमार, ठेकेदार और गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारियों को अभियुक्त बनाया गया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी व्यक्ति के मंदिर परिसर में जूते पहनकर प्रवेश करने और मूर्तियों से छेड़छाड़ करने से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. रुद्रप्रयाग पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है. गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है. पुलिस का कहना है कि इस तरह के कृत्य को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
श्री भैरवनाथ मंदिर, जो केदारनाथ धाम के संरक्षक देवता माने जाते हैं, हिंदू आस्थाओं में विशेष स्थान रखते हैं. तीर्थ पुरोहितों और श्रद्धालुओं ने इस घटना पर गहरा रोष प्रकट किया है. उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं सनातनी परंपराओं और धार्मिक स्थलों की पवित्रता के साथ खिलवाड़ हैं. इस घटना ने मंदिर और धाम के सुरक्षा प्रबंधों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि कपाट बंद होने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति मंदिर परिसर में प्रवेश कर सकता है, तो यह सुरक्षा में बड़ी चूक है. उन्होंने मांग की है कि ऐसे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं. श्री भैरवनाथ मंदिर में हुई इस घटना ने धार्मिक और प्रशासनिक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है. वहीं प्रशासन के लिए यह एक चेतावनी भी है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए.
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