Rudraprayag News: केदारनाथ यात्रा में अव्यवस्थाओं पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, जानें- क्या कहा?
Kedarnath Yatra: केदारनाथ में बिसलेरी की बोतल बीस की जगह पचास, एक मैगी बनाने का सौ रुपए लिया जा रहा है, खाने के दाम ज्यादा हैं. डबल रूम 8 हजार और फोर बेड का 10 से 15 हजार लिया जा रहा है.
Kedarnath Yatra 2022: केदारनाथ यात्रा का आगाज हो चुका है, लेकिन यात्रा मार्गों पर भारी अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं. केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में तीन दिनों से बिजली व्यवस्था ठप है, वहीं केदारनाथ में भी रात के समय बिजली आपूर्ति नहीं होने से यात्री खासे परेशान हैं. इसके अलावा यात्रा मार्गों पर पेयजल की समस्या से भी यात्री जूझ रहे हैं. साथ ही गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल पड़ाव पर जगह-जगह फैली गंदगी से भी तीर्थयात्रियों को दो-चार होना पड़ रहा है. कुल मिलाकर देखा जाए तो जो वायदे यात्रा खुलने से पहले प्रशासन की ओर से किये गये थे, वे सभी धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहे हैं.
यात्रा मार्ग में भारी अव्यवस्था
शुक्रवार सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर बाबा केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए. जबकि पहले दिन 23 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के कपाट खुलने पर पुण्य अर्जित किया. लेकिन केदारनाथ यात्रा में पहले ही दिन तीर्थयात्रियों को भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. केदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं होने से तीर्थयात्री परेशान हैं. यात्रियों की बढ़ती भीड़ देखकर यात्रा पड़ावों के व्यापारियों ने सामानों को तिगुने कीमत पर बेचना शुरू कर दिया है.
यात्रियों से मनमाने पैसे वसूल रहे दुकानदार
गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक पांच किमी सफर तय करने का 50 रूपए किराया लिया जा रहा है, जबकि वाहन स्वामी यात्रियों को सोनप्रयाग से एक किमी आगे और गौरीकुंड से एक किमी पहले बिठा रहे रहे हैं. ऐसे में तीन किमी सफर का किराया सीधे पचास रूपए लिया जा रहा है. बिसलेरी की बोतल भी जहां बीस रूपए मिलती है, वह पचास की दी जा रही है. इसके अलावा खाने के दाम भी बहुत ज्यादा हैं. गौरीकुंड में ही एक मैगी बनाने का सौ रुपए लिया जा रहा है, जबकि खाने का दो से ढाई रूपए चार्ज किया जा रहा है.
डबल रूम का किराया 8 हजार
यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों से जमकर लूट की जा रही है. केदारनाथ में डबल रूम का किराया 8 हजार लिया जा रहा है, जबकि फोर बेड का 10 से 15 हजार ले रहे हैं. ऐसे में तीर्थयात्रियों पर केदारनाथ की यात्रा भारी पड़ रही है. यात्रा मार्गों पर जमकर लूट होने से तीर्थयात्री भी दुखी हैं. इसके साथ ही यात्रा मार्गों पर जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्थाएं नहीं की गई हैं. गौरीकुंड में तीन दिनों से बिजली नहीं है तो केदारनाथ धाम में तीर्थयात्री अंधेरे में रात काटने को मजबूर हैं.
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पानी की भी समस्या से तीर्थयात्री परेशान
गौरीकुण्ड केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव है. यहां पानी की भी समस्या से तीर्थयात्री परेशान हैं. यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्री जाम की समस्या से भी खासे परेशान हैं. गुप्तकाशी से गौरीकुण्ड तक यात्रा मार्ग पर जगह-जगह जाम लग रहा है. गौरीकुंड के व्यापारी सुशील गोस्वामी ने कहा कि गौरीकुंड में बिजली व्यवस्था के बेहद ही बुरे हाल हैं, जबकि पानी की समस्या से व्यापारी और तीर्थयात्री परेशान हैं. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही से केदार यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड में तीन दिनों से बिजली व्यवस्था ठप है. उन्होंने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की मांग की.
अव्यवस्था पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा
वहीं केदारनाथ यात्रा में भारी अव्यवस्थाओं के कारण कांग्रेस को भी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है. कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि शासन और प्रशासन ने जो वायदे यात्रा से पहले किये, वे सभी धराशायी हो गये हैं. यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों को कोई भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. केदारनाथ मंदिर में बद्री-केदार मंदिर समिति के कर्मचारी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. पुलिस प्रशासन का रवैया जनता के साथ सही नहीं है. पुलिस के कर्मचारी अपने वाहनों को चैकियों और कोतवाली के पास लगा रहे हैं और आम जनता को वाहन हटाने को कह रहे हैं, जबकि लोगों ने राजमार्ग पर चैड़ी जगहों पर अपने वाहन लगाये हुए हैं.
यात्रा मार्ग पर लूट-खसोट शुरू हो चुकी है-कांग्रेस
कांग्रेस नेता सूरज नेगी ने आगे कहा कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने यात्रा मार्ग का पैदल भ्रमण नहीं किया है. अगर पैदल भ्रमण के दौरान समस्याएं देखी जातीं तो आज इस प्रकार की परेशानी से तीर्थयात्रियों को नहीं जूझना पड़ता. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यात्रा मार्ग पर लूट-खसोट शुरू हो चुकी है. निर्धारित रेट लिस्ट चस्पा नहीं होने से जमकर लूट मची है. सरकार और शासन-प्रशासन का ध्यान केदार यात्रा पर नहीं है. ऐसे में तीर्थयात्री भगवान भरोसे यात्रा करने को मजबूर हैं.
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