Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही लगने लगा मार्गों में जाम, अब प्रशासन ने बनाया ये प्लान
Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा को लेकर जिला प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ है. अभी यात्रा शुरू भी नहीं हुई है और नगर क्षेत्र रुद्रप्रयाग के साथ ही अन्य शहरों में जाम की स्थिति पैदा होने लगी है.
Rudraprayag News: इस बार चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) पर रिकार्ड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद जताई जा रही है. जिस तरह से अभी से मई और जून माह की फुल बुकिंग आ चुकी हैं उससे अनुमान यही लग रहा है कि इस बार केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra 2022) में भारी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचेंगे. ऐसे में जिला प्रशासन भी मुस्तैदी से यात्रा की तैयारियों में जुटा हुआ है. यात्रा के दौरान सबसे अधिक समस्या जाम की होती है जिससे निजात पाने के लिए जिला प्रशासन ने प्लान तैयार किया है जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और जाम से भी छुटकारा मिल जायेगा.
बता दें कि तीन मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. भगवान केदारनाथ के कपाट छह मई को वृश्चिक लग्न में प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर ग्रीष्मकाल के लिए विधि-विधान से खोले जायेंगे. एक मई को भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा अर्चना विधि विधान से सम्पन्न की जायेगी. लोक मान्यताओं के अनुसार भैरव पूजन के बाद भैरवनाथ केदारपुरी को रवाना हो जाते हैं.
2 मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से भक्तों के जयकारों और आर्मी की बैंड धुनों के साथ कैलाश के लिए रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी. तीन मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी से रवाना होकर फाटा पहुंचेगी.
चार मई को फाटा से रवाना होकर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौरीमाई मन्दिर गौरीकुण्ड पहुंचेगी और पांच मई को गौरीकुण्ड से रवाना होकर केदारनाथ धाम पहुंचकर भण्डार गृह में विराजमान होगी. छः मई को प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर वृश्चिक लग्न में भगवान केदारनाथ के कपाट विधि-विधान से जय शंकर जय केदार के उदघोष के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे.
चारधाम यात्रा 2022 को लेकर जिला प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ है. केदारनाथ यात्रा के समय सबसे बड़ी समस्या जाम की होती है. जगह-जगह शहरों में जाम से तीर्थयात्रियों को दो-चार होना पड़ता है. अभी यात्रा शुरू भी नहीं हुई है और नगर क्षेत्र रुद्रप्रयाग के साथ ही अन्य शहरों में जाम की स्थिति पैदा होने लगी है. ऑलवेदर रोड के बाद भी कई जगहों पर जाम की स्थिति बनने के पूरे आसार हैं.
नगर क्षेत्र रुद्रप्रयाग में आये दिन जाम की समस्या से लोग परेशान हो रहे हैं. जिसको खुलवाने के लिए पुलिस की सक्रियता भी कम ही दिख रही है. जाम खुलवाने के लिए पहुंच रहे इंटरसेप्टर वाहन भी जाम में फंसकर कुछ नहीं कर पा रहा है, जबकि तिलवाड़ा कस्बे में इससे बुरे हाल हैं. यात्रा सीजन के दौरान अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग और गौरीकुंड तक जाम पर काबू पाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ है. ऑलवेदर रोड़ बनने के बाद हाईवे के दोनों ओर अनियोजित ढंग से लगे वाहनों से भी जाम की स्थिति पैदा हो रही है.
वहीं जिला प्रशासन ने भी जाम की समस्या से निजात दिलाने को लेकर प्लान तैयार किया है. रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया, यात्रा सीजन में जाम की समस्या बनी रहती है. कुछ पार्किंग बनकर तैयार हो गयी है, जबकि अतिरिक्त पार्किंग भी तैयार की जा रही है. इसके अलावा स्थानीय लोगों से भी बात की जा रही है, जिनकी भूमि राजमार्ग से सटी है. इन जगहों पर पांच से एक हजार वाहन पार्क करने की व्यवस्था की जायेगी. राजमार्ग किनारे खाली पड़े खेतों में पार्किंग की व्यवस्था होने से एक ओर जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं जाम की समस्या भी निजात मिलेगी.