Chardham Yatra 2023: रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव है. रुद्रप्रयाग से ही बद्रीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा का संचालन होता है. ऐसे में यहां तैनात फोर्सों की जिम्मेदारियां भी अधिक बढ़ जाती हैं. आगामी चारधाम यात्रा को देखते हुए डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स (DDMF) को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इन्हें इस बात का प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार करने के बाद कैसे स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाना है और कैसे खाई से निकालना है.
अप्रैल महीने में शुरू हो रही चारधाम यात्रा की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं. इस बार यात्रा मार्ग पर जगह-जगह तैनात रहने वाले डीडीएमएफ के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. रुद्रप्रयाग में इसके लगभग पचास जवान हैं, जो हर समय आपदा कंट्रोल रूम में तैनात रहते हैं और किसी भी आपदा के समय सबसे पहले पहुंचते हैं. इतना ही नहीं इन जवानों का केदारनाथ धाम की यात्रा में विशेष सहयोग होता है. जवान केदारनाथ धाम सहित पैदल मार्ग पर जगह-जगह तैनात रहते हैं. धाम सहित पैदल यात्रा मार्ग पर किसी भी दुर्घटना के समय यह जवान सबसे पहले रेस्क्यू के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में आगामी यात्रा को देखते हुए इन जवानों को पहले से ही तैयार किया जा रहा है और किसी भी प्रकार की आपदा या दुर्घटना में राहत-बचाव के लिए एडवांस प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यात्रा के अलावा इन जवानों को तहसील स्तर पर तैनात किया जाता है.
आपदा प्रबंधन अधिकारी ने दी अहम जानकारी
इस फोर्स का गठन यात्रा के सफल संचालन और आपदा के समय प्राथमिक भूमिका निभाने के लिए ही किया गया है. आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि आगामी चारधाम यात्रा को देखते हुए डीडीआरएफ के जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जवानों को आपदा और किसी भी प्रकार की दुर्घटना के बाद राहत-बचाव के कार्य, प्राथमिक उपचार और अस्पताल पहुंचाने के बारे में विशेषज्ञों की ओर से जानकारी दी जा रही है.
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