Uttarakhand News: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) जिले को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2023 (Digital India Award 2023) के तहत सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और उपजिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा को पुरस्कार देकर किया सम्मानित किया. यह पुरस्कार डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (डीआरएस) कैटिगरी में दिया गया है.


जिलाधिकारी मूयर दीक्षित के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक समेत अन्य प्लास्टिक के सामान का निस्तारण करने के लिए रिसाइक्लिंग की अनोखी व्यवस्था की थी. इसके लिए रिसाइक्लिंग संस्था के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केदारनाथ यात्रा मार्ग, चोपता, तुंगनाथ और देवरियाताल मार्ग पर क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू की गई थी. प्लास्टिक सामान के निस्तारण के लिए क्यूआर कोड सिस्टम शुरू किया गया था जिसके तहत प्लास्टिक बोतलों की टैगिंग  की गई थी. हर क्यूआर कोड लगी बोतल पर बिक्री के समय 10 रुपए अतिरिक्त वसूले जाते हैं, वहीं प्रत्येक बोतल वापस जमा करने वाले को 10 रुपए दिए जाते हैं.


पानी की बोतलों पर टैगिंग से की गई थी परियोजना की शुरुआत
जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से बैन किया जा चुका है. ऐसे में यात्रा मार्ग पर लाखों श्रद्धालुओं द्वारा पानी की बोतलों, कोल्ड ड्रिंक समेत अन्य प्लास्टिक का सामान इस्तेमाल करने के बाद उसका उचित निस्तारण बड़ी चुनौती है. रिसाइकल संस्था के साथ मिलकर पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केदारनाथ यात्रा मार्ग और फिर दूसरे चरण में चोपता-तुंगनाथ और देवरियाताल मार्ग पर क्यूआर कोड व्यवस्था को लागू की गई. वर्ष 2022 में पानी की बोतलों पर क्यूआर कोड लगाने के साथ प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी जबकि कोल्ड ड्रिंक की बोतलों पर भी इसे लागू किया गया.


ये भी पढ़ें-


Ghaziabad: कमीशनखोरी के आरोप पर बिफरे नगर आयुक्त, नगर निगम की बोर्ड बैठक में हुआ जमकर हंगामा