मदमहेश्वर घाटी में हादसे को निमंत्रण दे रहे लिंक मोटरमार्ग, सामने आई विभाग की बड़ी लापरवाही
Madmaheshwar valley Roads: केदारघाटी (Kedar Ghati) के साथ ही मदमहेश्वर और कालीमठ घाटी में बारिश (Rain) का सिलसिला जारी है. बारिश के कारण लिंक मार्गों की हालत खराब हो चुकी है.
Rudraprayag Heavy Rain: उत्तराखंड (Uttarakhand) के रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) जिले में भारी बारिश (Rain) के कारण लिंक मोटरमार्गों की हालत बद से बदतर हो चुकी है. मोटरमार्गों पर बने गड्डों में पानी भरने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानियां हो रही हैं, जबकि मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त भी हो चुके हैं. ऐसे में ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर सफर तय करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग और ठेकेदार (Contractor) की लापरवाही के कारण मोटरमार्ग पर कभी भी बड़ा हादसा (Accident) हो सकता है.
जारी है बारिश का सिलसिला
बता दें कि, केदारघाटी के साथ ही मदमहेश्वर और कालीमठ घाटी में बारिश का सिलसिला जारी है. बारिश के कारण लिंक मार्गों की हालत खराब हो चुकी है. इन मार्गों पर सफर करना मौत को दावत देने जैसा है. ग्रामीणों की मानें तो आए दिन सड़क की खराब स्थिति के कारण अपने काम काज और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए मुख्यालय तक पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मदमहेश्वर घाटी के अंतर्गत ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी, पिलोंजी-गिरिया, राऊलैंक-जग्गी बगवान, गैड़-गड़गू, कालीमठ बेडुला मोटरमार्गों का हाल बुरा है.
सरकार के पास बजट नहीं
जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने कहा कि उखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटरमार्ग की स्थिति दयनीय हो चुकी है. करोड़ों रुपये इस सड़क पर खर्च हो चुके हैं. विभाग और ठेकेदार द्वारा मार्ग पर बड़ी लापरवाही बरती गई है, जिससे लगातार हादसे का डर बना हुआ है. वहीं पिलौंजी-गिरिया सड़क की बात की जाए तो मोटरमार्ग का कार्य अधर में लटका पड़ा है. सरकार के पास कार्य पूरा कराने के लिए बजट नहीं है. साथ ही पहाड़ी का मलबा सड़क पर गिरने से लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं.
ग्रामीण जनता परेशान है
विनोद राणा ने कहा कि लिंक मार्गों पर बड़े-बड़े गड्डे बने हुए हैं, जिनमें बारिश के समय पानी भर जाता है और ये पानी लोगों के लिए जानलेवा साबित होता है. लिंक मार्गों की बुरी स्थिति होने से ग्रामीण जनता परेशान है. जिला प्रशासन और सरकार को बार-बार अवगत कराने के बावजूद भी सब मौन बैठे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री, सांसद कालीमठ मंदिर में दर्शन करने तक सीमित रह गए हैं. भाजपा के नेता सिर्फ सेल्फी और गुलदस्ता देने तक सीमित रह गए हैं. अगर जल्द ही समस्याओं का समाधान ना हुआ तो घर-घर चैपाल लगाकर एक बड़े आंदोलन की लिए रणनीति बनाई जाएगी और सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा.
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