रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा के दौरान संजीवनी बना खांखरा-खेड़ाखाल-खिर्सू मोटर मार्ग विभागीय लापरवाही के कारण बंद पड़ा है. विगत दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण मोटर मार्ग के खेड़ाखाल में भारी बोल्डर और मलबा आ गया था, जिसे 16 दिनों बाद भी साफ नहीं किया गया है. ऐसे में ग्रामीण जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा जिले में अब भी 8 संपर्क मोटर मार्ग अवरुद्ध चल रहे हैं, जिस कारण ग्रामीणों को मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है.
ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं
बता दें कि, बरसात से जिले में संपर्क मोटर मार्गों की हालत दयनीय हो गई है, जिस कारण ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई के ज्यादातर मार्ग संवेदनशील बने हुए हैं, लोग जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर हैं. केदारनाथ आपदा के दौरान खांखरा-खेड़ाखाल-खिर्सू मोटर मार्ग लोगों के लिए संजीवनी साबित हुआ था.
16 दिनों से बंद पड़ा है मोटर मार्ग
आपदा के दौरान बद्रीनाथ-ऋषिकेश हाईवे जगह-जगह ध्वस्त हो गया था, जिससे लोगों ने इसी मोटर मार्ग से होकर आवाजाही की थी. इस मोटर मार्ग से कोटद्वार, देहरादून, हरिद्वारा, दिल्ली के लिए निकला जाता है और आज भी इस मोटर मार्ग पर लोगों की आवाजाही ज्यादात होती है, क्योंकि बद्रीनाथ-ऋषिकेश हाईवे पर ऑल वेदर रोड का कार्य चल रहा है, जिससे राजमार्ग बार-बार बंद हो जाता है. ऐसे में लोग इस मोटर मार्ग को सुरक्षित मानते हैं और इससे आवाजाही करते हैं. ये मोटर मार्ग पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण 16 दिनों से बंद पड़ा है. मोटर मार्ग के खेड़ाखाल में भारी बोल्डर के साथ मलबा आया हुआ है, जिसे अब तक साफ नहीं किया गया है. इसे हटाने में विभाग को कड़ी मशक्कत भी करनी पड़ रही है, लेकिन रास्ता साफ नहीं हो पाया है.
कार्य पूरा नहीं हो पाया है
खेड़ाखाल निवासी अनिल रौथाण ने बताया कि मोटर मार्ग पर मलबा और बोल्डर गिरने के बाद विभाग को सूचित किया गया, लेकिन विभाग की ओर से दो दिन बाद कार्य शुरू किया गया. कार्य आज तक पूरा नहीं हो पाया है. विभाग की मशीनें मलबे को साफ नहीं कर पा रही हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि विभागीय अभियंता ग्रामीणों के प्रति लापरवाह बने हुए हैं. उन्हें ग्रामीणों की कोई चिंता नहीं है, ग्रामीण जनता जान हथेली पर रखकर मलबे के ऊपर से सफर करने को मजबूर है.
8 मोटर मार्ग भी हैं बंद
वहीं, दूसरी ओर जिले के अन्य 8 मोटर मार्ग भी बंद चल रहे हैं, जबकि कई संपर्क मोटर मार्गों की हालत दयनीय हो रखी है. जखोली और केदार घाटी को जोड़ने वाला मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्ग, विजयनगर-तैला, कांडई-कमोल्ड़ी, नगरासू-डांडाखाल, रुद्रप्रयाग-चोपड़ा-कुरझण, कोटखाल-जगतोली, गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा-जाल मल्ला, बांसवाड़ा-कणसिल-चंद्रनगर सहित 40 से अधिक संपर्क मार्ग बरसात से अति संवेदनशील हो गए हैं. इन मार्गों पर भूस्खलन और भूधंसाव जोन सक्रिय होने के साथ ही कीचड़ जमा होने से वाहनों के फंसने और रपटने का खतरा बना है.
पैदल आवाजाही भी मुश्किल है
कालीमठ घाटी के सबसे दूरस्थ ग्राम पंचायत चैमासी के ग्राम प्रधान मुलायम सिंह तिंदोरी ने बताया कि क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतों के 13 गांवों की लाइफलाइन गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा-चैमासी मार्ग बदहाल होकर रह गया है. जगह-जगह बरसाती पानी बहने से पैदल आवाजाही भी मुश्किल से हो रही है.
संपर्क मार्गों की हालत नाजुक
जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण संपर्क मार्गों की हालत नाजुक बनी हुई है. बरसात के समय इन मोटर मार्ग पर भूस्खलन होता है, जिससे आवाजाही में काफी दिक्कतें होती हैं. मोटर मार्गों को सुचारू करने के लिए विभागीय अभियंताओं को निर्देशित किया गया है, इसके साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में दो माह का राशन भी भिजवा दिया है, जिससे ग्रामीणों को कोई परेशानी ना हो. साथ ही ग्रामीण इलाकों में डीडीआरफ की टीम भी तैनात की गई है, जो मुसीबत के समय ग्रामीणों की मदद के लिए तत्पर रहेगी.