Uttarakhand News: पहाड़ों में बारिश के बाद भूस्खलन (Landslide) की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. रुद्रप्रयाग जनपद (Rudraprayag) के दूरस्थ गांव छिनका में कल देर रात बारिश के कारण भूस्खलन हो गया और कई आवासीय भवन और गौशालाएं मलबे की चपेट में आ गए हैं. ग्रामीणों के कई खेत भी पूरी तरह से आपदा की भेंट चढ़ गए हैं. दूसरे गांव में आकाशीय बिजली गिरने के कारण एक भैंस और दो बकरियों की मौत के साथ ही दो घोड़ों की आंखों की रोशनी चली गई. तहसील प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर प्रभावित परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है.
21 परिवारों के खेत-खलिहान हुए नष्ट
पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और भूस्खलन का सितम जारी है. बारिश के बाद हो रहे भूस्खलन के कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. सोमवार देर रात दूरवर्ती गांव छिनका में भारी भूस्खलन होने से तीन गौशालाएं ध्वस्त हो गईं जबकि चार से अधिक आवासीय भवनों के भीतर मलबा और पानी घुस गया. इतना ही नहीं ग्रामीणों के धान से भरे खेत भी पूरी तरह से आपदा की भेंट चढ़ गए हैं. 21 परिवारों के खेत-खलिहान आपदा की भेंट चढ़े हैं. गांव में जाने वाले पैदल रास्ते, सिंचाई नहरे और पेयजल योजनाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. घटना की सूचना मिलने के बाद आज सुबह आपदा और राहत बचाव की टीमे गांव में पहुंची. फिलहाल प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है. प्रभावित परिवारों को तहसील प्रशासन की ओर से किचन के सामान के लिए राशि आवंटित की गई है.
घरों पर गिरा पहाड़ी से बोल्डर
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि छिनका गांव में भारी बारिश के कारण मलबा और बोल्डर गिरने की सूचना मिलने के बाद मौके पर जाकर जायजा लिया गया. तीन घरों में मलबा और बोल्डर गिरने से सामान को काफी क्षति पहुंची है जबकि तीन गौशालाओं को भी नुकसान हुआ है. खेत-खलिहान भी नष्ट हुए हैं. प्रभावित परिवारों को राशन, कंबल किचन सेट वितरित कर दिए हैं.
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