Lok Sabha Election 2024: रुद्रप्रयाग के कई गांव में वोटिंग का विरोध करने की चेतावनी, ग्रामीणों ने रखी ये मांगे
Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले रुद्रप्रयाग के चार-पांच गांव के रहवासियों ने अपनी कई मांग को लेकर मतदान के बहिष्कार की चेतावनी दी. साथ ही मांग की है कि उनकी समस्या जल्द सुनी जाएं.
Rudraprayag Lok Sabha Election 2024: रुद्रप्रयाग लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच जिला प्रशासन के सामने केदारनाथ धाम की यात्रा को शुरूआती चरण में चाक-चौबंद करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं रहेगा. इस बीच चुनाव बहिष्कार का मन बनाए ग्रामीणों को समझाने में किस हद तक प्रशासन सफल हो पाएगा, यह भी देखने लायक होगा. अब तक जिले के चार से पांच गांव चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे चुके हैं, जिन्हें प्रशासन की टीम की ओर से मतदान को लेकर जागरूक किया जा रहा है.
उत्तराखंड की सभी लोकसभा सीटों पर एक साथ 19 अप्रैल वोटिंग होनी है और केदारनाथ धाम की यात्रा का आगाज शीतकालीन गद्दीस्थल से डोली रवाना के साथ पांच मई को हो जाएगा. ऐसे में जिला प्रशासन के सामने एक तरफ लोकसभा चुनाव को निर्विघ्न संपंन कराने की चुनौती है तो दूसरी तरफ केदारनाथ यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं को दूर करने की भी जिम्मेदारी है. केदारनाथ पैदल मार्ग के छः से सात जगहों पर बड़े-बड़े ग्लेशियर बने हुए थे, जिन्हें काटकर रास्ता बनाया गया है. लोक निर्माण विभाग (Public Work Department) गुप्तकाशी के मजदूर अभी भी बर्फ हटाने के कार्य में जुटा हैं.
खराब रास्तों को किया जा रहा दुरूस्त
बताया गया कि, पैदल मार्ग से बर्फ हटने के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी निर्माण कार्य शुरू हो जायेंगे और बर्फ से जिन-जिन स्थानों पर रास्ता क्षतिग्रस्त हुआ है, वहां कार्य शुरू किया जाएगा. इसके बाद केदारनाथ धाम में दूर संचार, पेयजल, बिजली सहित रहने और खाने की समुचित व्यवस्थाएं भी करनी होंगी. यात्रा शुरू होने से पहले केदारनाथ पैदल मार्ग के लिनचोली और बेस कैंप से लेकर धाम में टेंट लगाये जाने हैं. शौचालय की व्यवस्था की जानी है. ऐसे में लोकसभा चुनाव के बीच यात्रा व्यवस्थाओं की तैयारियों करना भी प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
एक ओर प्रशासन लोकसभा चुनाव की तैयारियो में जुटा है, वहीं दूसरी ओर जिले के चार से पांच गांव ऐसे हैं, जिन्होंने चुनाव बहिष्कार का मन बनाया है. इसमें जिले का सबसे बड़ा गांव बावई भी शामिल है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें गांव में सड़क, पानी, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शासन-प्रशासन ने मतदान से पहले उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया तो वे लोकसभा चुनाव बहिष्कार के लिए मजबूर हो जायेंगे. इधर, इस मामले में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कहा कि, जिन गांवों में चुनाव बहिष्कार की बात कही जा रही है, प्रशासन की टीमें गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करेगी.
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