Rudraprayag News: रेललाइन निर्माण से दहशत में रह रहा ये गांव कहीं बन न जाए अतीत, लोग छोड़कर भाग रहे आशियाना, जानें क्यों
सभी क्षेत्रों में निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है लेकिन जिस तरह से रेल लाइन के लिए बनाई जा रही टनलों पर विस्फोटों का उपयोग हो रहा है उससे गांवों का अस्तित्व खतरे में आ गया है.
Rudraprayag News: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जिले का मरोड़ा गांव दहशत में है. टनल में किये जा रहे विस्फोटों के कारण ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है. अब तक विस्फोट से एक दर्जन ग्रामीणों के आशियानों में दरारें पड़ने से उन्होंने अपने आशियाने छोड़ दिये हैं, जबकि गौशालाओं के क्षतिग्रस्त होने से मवेशियों को भी बेच दिया है. ऐसे में ग्रामीणों के सामने आजीविका का संकट भी गहरा गया है. प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए मुआवजे की मांग की है.
गांवों का अस्तित्व खतरे में
बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में रेल लाइन 11 गांवों से होकर गुजर रही है. इन दिनों सभी क्षेत्रों में निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है लेकिन जिस तरह से कार्यदायी संस्थाओं की ओर से रेल लाइन के लिए बनाई जा रही टनलों पर विस्फोटों का उपयोग हो रहा है उससे गांवों का अस्तित्व खतरे में आ गया है. स्थिति यह है कि अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रानीगढ़ पट्टी के मरोड़ा गांव के घर और गौशालाओं में दरारें पड़ गई हैं. यहां निवास करने वाले 40 परिवारों में एक दर्जन परिवार अपने आवासीय मकान छोड़कर कहीं और शरण ले चुके हैं.
गहरी और चौड़ी दरारें पड़ीं
दिनोंदिन बिगड़ रहे हालातों के चलते अन्य परिवार भी अपना बोरिया-बिस्तर समटने में जुटे हैं. वन पंचायत सरपंच देवी प्रसाद थपलियाल, मातबर सिंह रावत, नरोत्तम सिंह रावत, अरविंद सिंह बुटोला ने बताया कि विकास के नाम पर जिस तरह से निर्माण हो रहा है वह गांव को ही लील रहा है. यहां सभी आवासीय मकानों से लेकर गौशालाओं और खेतों में गहरी व चौड़ी दरारें पड़ी हैं जो भयावह होती जा रही हैं. कभी भी किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता है.
अतीत न बन जाए गांव
गांव के ठीक नीचे से गुजरने वाले रेल लाइन के लिए पिछले कई दिनों से सुरंग निर्माण हो रहा है जिसमें आए दिन विस्फोट से लोग सहमें हुए हैं. खून-पसीने के मेहनत से संजोई संपत्तियां दरारों के वजह से कभी भी मलबे के ढेर में समा सकती हैं. गौशालाओं के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को बेच दिया है जिससे उनकी आजीविका पर भी संकट गहरा गया है. रेलगाड़ी की छुक-छुक से पहले ही कहीं मरोड़ा गांव अतीत न बन जाए. यहां रेल लाइन के लिए बनाई जा रही टनल में हो रहे विस्फोटों ने पूरे गांव के अस्तित्व को हाशिए पर ला दिया है. प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. क्षति का मुआवजा के साथ सभी परिवारों को कहीं और सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने की मांग की गई है.
जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि रेल लाइन निर्माण कार्य से मरोड़ा गांव में नुकसान की सूचना मिलने पर स्थिति का जायजा लिया गया. रेलवे विकास निगम को जरूरी सुरक्षा इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जो परिवार कहीं और शरण ले रहे हैं स्थायी व्यवस्था होने तक उन्हें आरवीएनल किराया देगा.
ये भी पढ़ें:
Khatima News: खटीमा में पकड़ी गई कछुओं की तस्करी, कस्टम विभाग ने बरामद की इनोवा कार लेकिन तस्कर फरार