Rudraprayag Minor Death News: जिला अस्पताल रूद्रप्रयाग के शौचालय में एक नाबालिग ने बच्चे को जन्म दे दिया, लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद नवजात बच्चे और नाबालिग की मौत हो गई. पूरे घटनाक्रम में जिला अस्पताल के डॉक्टरों और नाबालिग की मां की लापरवाही भी सामने आई है. जहां डॉक्टरों को नाबालिग के प्रसव पीड़ा से ग्रसित होने की जानकारी नहीं लगी, वहीं नाबालिग की मां ने बदनामी की डर से सारी बातें डॉक्टरों से छुपाए रखी. हालांकि मामले में अब अस्पताल प्रबंधन ने जांच बैठा दी है.
नाबालिग की मां ने डॉक्टर्स से बात छुपाई
शुक्रवार दोपहर को एक 18 वर्षीय नाबालिग को उसकी मां उपचार कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंची. नाबालिग की मां ने डॉक्टरों को यह नहीं बताया कि वह प्रसव पीड़ा से ग्रसित है. डॉक्टर भी नाबालिग का सामान्य उपचार करते रहे. बताया जा रहा है कि देर रात को नाबालिग की मां ने जिला अस्पताल में अपनी बेटी का शौचालय में प्रसव कराया. प्रसव के बाद जहां नाबालिग की मौत हो गई तो सुबह के समय अस्पताल के शौचालय में सफाई कर्मियों को एक नवजात मृत अवस्था में मिला. नाबालिग की मां ने बदनामी की डर से डॉक्टरों सहित अन्य लोगों से झूठ बोला, जिस कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. नाबालिग जिला मुख्यालय के नजदीक गांव की ही थी. नाबालिग की मौत प्रसव के बाद अत्यधिक रक्त बहने से हुई है. यदि नाबालिग की मां डॉक्टरों को सारी सच्चाई बता देती तो शायद नाबालिग की जान बच सकती थी.
अस्पताल प्रबंधन और पुलिस कर रही है जांच
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजीव सिंह ने बताया कि शुक्रवार दोपहर के समय एक नाबालिग लड़की को लेकर उसकी मां जिला अस्पताल पहुंची थी. जांच करने पर पता चला कि उसमें हिमोग्लोबिन की कमी है. डॉक्टर उसे आगे के ईलाज के लिए रेफर कर रहे थे, लेकिन नाबालिग की मां ने मना कर दिया और लिखित रूप में यह कहकर दिया कि उसका उपचार यहीं किया जाए. रात के समय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया और प्रसव के बाद उपचार ना मिलने के कारण नाबालिग की भी मौत हो गई. पूरी घटना में नाबालिग के परिजनों की गलती सामने आ रही है. वह घटना की सत्यता डॉक्टरों को बताते तो नाबालिग को बेहतर उपचार मिलता. वहीं पूरे मामले की पुलिस और अस्पताल प्रबंधन जांच कर रहा है.
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