Rudraprayag News: सबकुछ ठीकठाक रहा तो आने वाले दिनों में देश-विदेश से बाबा के दरबार में आने वाले तीर्थयात्रियों को केदारनाथ (Kedarnath) की दूरी काफी आसान नजर आयेगी. इसके लिए गौरीकुंड (Gaurikund) से केदारनाथ रोपवे के कार्य को लेकर कार्रवाई तेजी से गतिमान है. वन विभाग की ओर से रोपवे निर्माण के बीच में आने वाले पेड़ों की गिनती का काम पूरा कर लिया गया है. ऐसे में जल्द ही रोपवे को लेकर काम शुरू होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं.


क्या है पूरा मामला?
बता दें कि गौरीकुंड से केदारनाथ 18 किमी खड़ी पैदल चढ़ाई में तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हर वर्ष लाखों की संख्या में बाबा केदरनाथ की यात्रा में देश-विदेश से तीर्थयात्री पहुंचते हैं, लेकिन पैदल मार्ग से पहुंचने में उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. केदारनाथ जाने के लिए हालांकि घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी की सुविधाएं हैं, लेकिन पैदल चढ़ाई के दौरान घोड़ा-खच्चर में तीर्थयात्रियों को गिरने का भय बना रहता है. जबकि इनका किराया भी अधिक होता है. ऐसे में लम्बे समय से केदारनाथ धाम को रोपवे से जोड़ने की मांग की जा रही है, जिसकी उम्मीद अब दिखने लगी है.रोप-वे निर्माण को लेकर इन दिनों कार्रवाई चल रही है. 


यात्रियों को आवाजाही की सुविधा मिलेगी
केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग-गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है. इसमें 20 टावर स्थापित होंगे. रोपवे परियोजना में सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ में तीन बड़े स्टेशन बनेंगे. जबकि चीरबासा, लिनचोली में छोटे स्टेशन बनेंगे. प्रोजेक्ट के मुताबिक रोप-वे में 10-12 ट्राली एक साथ चलेंगी, जिसमें प्रति घंटा 500 से 1000 यात्रियों को आवाजाही की सुविधा मिलेगी. भारत सरकार की एनएचआईए और एनएचएलएम एजेंसी ने केदारनाथ रोपवे को लेकर कवायदें शुरू कर दी हैं. इसके अलावा ट्रैफिक मैनेजमेंट बेस प्रोजेक्ट को लेकर सर्वे कार्य पहले ही पूरा हो गया है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी केदारनाथ धाम में रोप-वे निर्माण को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है, जिस कारण इसके निर्माण की कार्रवाई में तेजी आ रही है. केदारनाथ में रोप-वे के लिए पूर्व में वन विभाग की टीम के साथ संबंधित कपंनी ने संयुक्त निरीक्षण भी किया था. डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि रोपवे निर्माण को लेकर वन विभाग की ओर से पेड़ों की गिनती का काम पूरा हो गया है. गौरीकुंड में भौगोलिक परिस्थिति के चलते एक टावर का कार्य छूटा है शीघ्र ही वह भी पूरा कर दिया जाएगा. करीब एक हजार पेड़-पौधे इससे प्रभावित होंगे. रोपवे निर्माण में वृक्षों के साथ ही पशु-पक्षियों का भी ध्यान रखा जायेगा. रोपवे निर्माण के बाद तीर्थयात्रियों की मुश्किलें भी आसान हो जायेंगी.


ये भी पढ़ें:-


UP News: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल जीतने की तैयारी में जुटी बीजेपी, निकाय चुनाव को लेकर बैठकों का दौर शुरू


UP Politics: सुभासपा में बगावत पर पहली बार आई ओम प्रकाश राजभर के बेटे की प्रतिक्रिया, बताई ये वजह