Rudraprayag News: रांसी-मनणा-केदारनाथ पैदल ट्रैक से केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) जा रहे दो ट्रैकर केदारनाथ धाम से छह किमी ऊपर महापंथ ग्लेशियर में फंस गए. दो दिन बाद इन ट्रैकरों का रेस्क्यू किया गया लेकिन एक ट्रैकर की अत्यधिक बर्फबारी के कारण ठंड से मौत हो गई. दूसरे घायल ट्रैकर को एसडीआरएफ बमुश्किल केदारनाथ धाम लेकर लाई, जिसका उपचार केदारनाथ धाम स्थित स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है. बंगाल से आए 10 लोगों का एक दल 2 अक्टूबर को रांसी-मनणा-केदारनाथ पैदल ट्रैक से केदारनाथ धाम के लिए निकला था.


क्या है पूरा मामला?
दो दिन पहले आठ ट्रैकर और उनके साथ गये पोर्टर सकुशल ट्रैकिंग करके केदारनाथ धाम आए, लेकिन दो ट्रैकरों की तबियत अत्यधिक खराब हो गई और वह केदारनाथ से छह किमी दूर महापंथ ग्लेशियर में ही रुक गए. दरअसल, जब दो ट्रैकरों के रुके होने की सूचना उसके अन्य आठ साथियों ने केदारनाथ में पुलिस को दी जिसके बाद रविवार को ही रेस्क्यू टीम मौके के लिये रवाना हो गई थी. मौसम अत्यधिक खराब होने और लगातार बर्फबारी होने के कारण रेस्क्यू टीम आधे रास्ते से ही वापस लौट आई. फिर सोमवार सुबह एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ डीडीआरफ की टीम मौके के लिए रवाना हुई.


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एक ट्रैकर की हुई मौत
हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम द्वारा उक्त ट्रैक पर सर्चिंग अभियान चलाया गया. अत्यधिक विषम परिस्थितियों में उच्चतुंगता क्षेत्र में पैदल ही गहन सर्चिंग करते हुए केदारनाथ से 6 किमी दूर महापंथ के पास बर्फीली चट्टानों के बीच दोनों पर्यटकों को ढूंढ निकाला गया. दो दिनों से बर्फ में फंसे होने और ठंड लगने के कारण 34 वर्षीय आलोक विश्वास की मौत हो गई, जबकि विक्रम मजूमदार की तबियत अत्यधिक खराब हो गई. रेस्क्यू टीम ने घायल व्यक्ति को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया जिसके बाद उसे केदारनाथ लाकर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. इनके साथ ट्रैक पर गए आठ अन्य सदस्य भी केदारनाथ धाम में मौजूद हैं. 


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