Rudraprayag News: रुद्रप्रयाग की बेटी प्रीति नेगी ने तोड़ा पाकिस्तान का रिकार्ड, माउंट किलिमंजारो पर लहराया तिंरगा
Uttarakhand News: प्रीति नेगी ने 18 दिसम्बर को सुबह छह बजे साउथ अफ्रीका तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भारत देश का तिंरगा लहराते हुए एक नया विश्व रिकार्ड कायम किया है.
Rudraprayag News: रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) की बेटी प्रीति नेगी ने साइकिल से अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह करके नया विश्व रिकार्ड बनाकर पूरे विश्व में भारत का डंका बजवाया है. प्रीति नेगी ने रुद्रप्रयाग और उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया है. प्रीति ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को साइकिल से 3 दिन में फतह कर तिरंगा फहराया और असंभव काम को संभव बना दिया.
इस सफलता के पीछे बाबा केदारनाथ की कृपा मानने वाली प्रीति ने 18 दिसम्बर को सुबह छः बजे साउथ अफ्रीका तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भारत देश का तिंरगा लहराते हुए और एक नया विश्व रिकार्ड कायम किया है. इससे पूर्व पाकिस्तान की समर खान, जिसने 4 दिन में समिट पूरा किया था, इसका रिकॉर्ड ब्रेक करके 3 दिन में ही समिट पूरा करके नया विश्व रिकार्ड भारत के नाम कर दिया. इस रिकॉर्ड को उन्होंने शहीद माउंटेनियर एवरेस्टर सविता कंसवा और नोमी रावत और भारतीय सेना के जाबांज सिपाही अपने शहीद पिता राजपाल सिंह को श्रद्धाजंलि स्वरूप समर्पित किया है.
3 दिन में साइकिल से हासिल की फतह
किलिमंजारो, अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्जी, और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है और अफ्रीका का उच्चतम पर्वत है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5,895 मीटर या 19,341 फीट है. किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त-खड़ा पर्वत है और साथ ही साथ विश्व का चौथा सबसे उभरा पर्वत है, जो आधार से 5,882 मीटर या 19,298 फीट ऊंचा है. इससे पहले प्रीति रिस्पेक्ट टू गॉड इवेंट के जरिए 4 दिन में हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा साइकिल से कर रिकॉर्ड बना चुकी हैं. इस तरह हरिद्वार से केदारनाथ पहुंचने वाली प्रीति पहाड़ की पहली बेटी है.
प्रीति रुद्रप्रयाग में गांव तेवड़ी सेम, पोस्ट चंद्रनगर की निवासी हैं. प्रीति के पिता शहीद स्वर्गीय राजपाल सिंह साल 2002 में आतंकवादियों से लड़ते हुए जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे. इस घटना ने परिवार को पूरी तरह से झंकझोर दिया. फिर भी प्रीति ने कभी खुद को कमजोर नहीं होने दिया. मां भागीरथी देवी भी लगातार बेटी की हौंसला अफजाई करती रही. प्रीति कुछ बेहतर कर नाम रोशन करना चाहती थी. इसलिए बचपन से ही खेलकूद के साथ, बाइकिंग, माउंटेन और साइकिलिंग में खुद को निखारने लगी.अगस्त्यमुनि से शिक्षा प्राप्ति के दौरान 2015 में बॉक्सिंग स्टेट खेल चुकी प्रीति ने 2016 में पर्वतारोहण में बेसिक कोर्स किया. जिसके बाद से वो कई चोटियों पर पर्वतारोहण कर चुकी हैं.
साल 2017 में यूथ फाउंडेशन में बतौर इंस्ट्रक्टर बनकर लड़कियों को प्रशिक्षित किया. दोबारा 2018 में पर्वतारोहण (ए ग्रेड) का एक उन्नत कोर्स कर डीकेडी से 5,670 मीटर तक की चढ़ाई भी की. 2019 में एक स्की कोर्स किया, जिसमें दूसरा स्थान मिला और ए ग्रेड प्राप्त किया. 2022 में पर्वतारोहण में बचाव पाठ्यक्रम करने के बाद से लगातार विभिन्न इंवेटों के जरिए अपने को स्थापित करने में जुटी हैं. वहीं प्रीति नेगी ने जिला प्रशासन से मिले सहयोग पर डीएम मयूर दीक्षित का आभार जताया है.
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