Rudraprayag News: केदारनाथ धाम से लेकर मिनी स्विट्जरलैंड चोपता ने ओढ़ी बर्फ की चादर, वाहनों की आवाजाही ठप
Chopta Snowfall: चोपता के हरे भरे बुग्याल अब सफेद नजर आ रहे हैं. पेड़ों से लेकर गाड़ियों की छतों पर बर्फ की चादर ने डेरा डाल दिया है. वहीं कार्तिक स्वामी तीर्थ में पहली बार जमकर बर्फबारी हो रही है.
Rudraprayag News: मिनी स्विट्जरलैंड के रूप में प्रसिद्ध केदारघाटी (Kedarghati) के पर्यटक स्थल चोपता-दुगलबिट्टा में सीजन की पहली बर्फबारी जमकर हुई है. बर्फबारी के बाद पर्यटकों ने चोपता का रुख कर दिया है. चोपता में पहली ही बर्फबारी एक फीट से अधिक तक हुई है. बर्फबारी के कारण फिलहाल चोपता-बद्रीनाथ हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है.
चोपता के हरे-भरे बुग्याल अब सफेद नजर आ रहे हैं. यहां पेड़ों से लेकर गाड़ियों की छतों पर बर्फ की मोटी चादर ने डेरा डाल दिया है. वहीं कार्तिक स्वामी तीर्थ में पहली बार जमकर बर्फबारी हो रही है. कार्तिक स्वामी का प्रसिद्ध मंदिर समुद्र तल से लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
जहां बाबा केदार के धाम में लगातार बर्फबारी जारी है, तो वहीं मिनी स्विट्जरलैंड के रूप में विख्यात पर्यटक स्थल चोपता में पर्यटक लंबे समय से जमकर बर्फबारी होने का इंतजार कर रहे थे. केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी के बीच आईटीबीपी और पुलिस के जवान तैनात है, जबकि कुछ साधु संत भी धाम में रहकर भगवान शंकर की तपस्या में लीन हैं. सुरक्षा कर्मियों के लिए प्रशासन की ओर से अलाव से लेकर राशन की पूरी व्यवस्था की गई है.
मार्च महीने तक रहेगी बर्फबारी
धाम में अब मार्च माह अंत तक बर्फबारी रहेगी, जिस कारण प्रशासन की ओर से पहले से ही धाम में सुरक्षा जवानों के साथ ही साधु संतो के लिए राशन मुहैया करा दिया गया है, जिससे उन्हें कोई समस्या का सामना ना करना पड़े. वहीं मिनी स्विट्जरलैंड में भी जमकर बर्फबारी होने लगी है. बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. यहां एक फीट से अधिक तक बर्फ गिरी चुकी है.चोपता के जो बुग्याल हमेशा हरे-भरे नजर आते थे, वह अब सफेद दिखाई दे रहे हैं. यहां पेड़ों से लेकर गाड़ियों और घरों ने भी बर्फ की मोटी चादर ओढ़ दी है. चोपता में बर्फबारी होने के बाद पर्यटक भी यहां पहुंचने लग गये हैं. फिलहाल चोपता से आगे चोपता-बद्रीनाथ हाईवे पर बर्फबारी के चलते आवाजाही प्रभावित हो गई है.
इसके अलावा उत्तर भारत के एकमात्र तीर्थ स्थल कार्तिक स्वामी मंदिर में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है. यह स्थल कनक चैरी नामक गांव के पास क्रोंच पर्वत पर बसा है. रुद्रप्रयाग से लगभग 36 किलोमीटर दूर कनकचैरी पहुंच कर वहां से लगभग 4 किलोमीटर की चढ़ाई के साथ 80 सीढ़ियां चढ़ने के बाद कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंच जाते हैं. इस मंदिर में सैकड़ों घंटियां लटकाई गई हैं और कहा जाता है कि इस मंदिर की घंटियों की आवाज 800 मीटर तक सुनाई पड़ती है.
चारों ओर हो रही बर्फबारी
क्रोंच पर्वत के चारो ओर त्रिशूल, नंदा देवी, आदि प्रसिद्ध हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन होते हैं. दक्षिण भारत में कार्तिक स्वामी को कई मंदिरों में मुरुगन स्वामी या कार्तिक स्वामी के नाम से पूजा जाता है, लेकिन उत्तराखंड में कार्तिक स्वामी का एक ही मंदिर है और कहते हैं यही वो मंदिर है, जहां से कार्तिक स्वामी का दक्षिण का सफर शुरू हुआ था.
रुद्रप्रयाग जिले के चारों ओर बर्फबारी हो रही है. शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में भी बर्फबारी हो रही है. इसके अलावा पर्यटक स्थल बधाणीताल में भी बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए सैलानी पहुंच रहे हैं. रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि बर्फबारी और मौसम पर प्रशासन पूरी तरह से नजर बनाए हुए है. रैन बसेरों और गर्म कंबलों की व्यवस्था की गई है. कोई भी व्यक्ति बाहर न रहे इसके लिए पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं.
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