Rudraprayag News: पहाड़ के लोगों का रेल देखने का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है. इसी कड़ी में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग (Rishikesh-Karnprayag)125 किमी लंबी रेलवे लाइन पर पहली बार दो किमी सुरंग आर-पार हुई है. यह सुरंग नरकोटा और खांखरा के बीच में बनाई जा रही है. पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच इस टनल का निर्माण कार्य किया गया है. टनल का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था मैक्स इंफ्रा इंडिया लिमिटेड को एडिट 6 ए के पैकेज 7 ए की इस टनल को आर-पार करने में एक साल से भी कम समय लगा है. मंगलवार सुबह ब्लास्टिंग के बाद टनल आर-पार हुई और मैक्स कंपनी की ओर से मजदूर, कर्मचारी और अधिकारियों के लिए समोराह का आयोजन किया गया.
काफी तेज गति से चल रहा है कार्य
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर काफी तेज गति से कार्य चल रहा है. जो कार्यदायी संस्थाएं रेल लाइन का कार्य कर रही हैं, उनके अनुसार 2024 तक रेल लाइन का कार्य पूर्ण होना है.पहाड़ में रेल लाइन का निर्माण कार्य आसान नहीं है. तमाम प्रकार की आपदाओं के कारण यहां रेल लाइन निर्माण में दिक्कतें आ सकती हैं. यही कारण है कि अधिकांश जगहों पर रेल लाइन टनल के भीतर से होकर गुजरेंगी. समारोह में आरवीएनएल के एडिट 6 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेन्द्र कुमार आर्य ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का यह पहला ब्रेक थ्रू हुआ है. इसमें एक साल का भी कम समय लगा है.
करीब 500 मजदूर कर रहे हैं काम
टनल का निर्माण कार्य कर रही मैक्स कार्यदायी संस्था के जनरल मैनेजर राजेश कुमार ने बताया कि एडिट 6 ए के पैकेज 7 ए की लगभग दो किमी लंबी टनल का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, जो कि बेहद खुशी की बात है. उन्होंने बताया कि इस कार्य में लगभग पांच सौ करीब मजदूर लगे हुए हैं. वहीं मैक्स कंपनी के एचआर लाइजन संजय पाठक ने बताया कि रिकार्ड टाइम में यह कार्य सेफ्टी के साथ पूरा किया गया है. टनल निर्माण में मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. मगर पूरी टीम ने रात-दिन मेहनत करके यह कार्य पूरा किया है. दो-दो शिफ्टों में कार्य किया गया है.टनल आज आर-पार हो गई है, जिसके बाद सभी में खुशी बनी हुई है.
पहाड़ के लोग वर्षों से रेल देखने का सपना देख रहे हैं.पहाड़ में रेल आती है तो यहां के तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.रेल लाइन का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था मैक्स के अधिकारियों का कहना है कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच कार्य करने में काफी दिक्कतें आई हैं, लेकिन फिर भी कार्य समय पर पूर्ण किया जा रहा है. वर्ष 2024 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. कार्यदायी संस्था के अलावा स्थानीय जनता भी टन का निर्माण होने पर खुशी जता रहे हैं.
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