Rudraprayag News: हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान देने और आउट सोर्स के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी कार्य बाधित रहेंगे. कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से एनएचएम से संबंधित सभी कार्य प्रभावित हो गये हैं. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी लंबे समय से दो सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आगामी वर्ष में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कर्मचारियों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. मंगलवार को एनएचएम कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय परिसर में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द मांगों पर कार्यवाही की मांग की.


कर्मचारियों की ओर से पहले तीन दिनों तक कार्य बहिष्कार किया जायेगा और फिर भी मांगों पर कार्यवाही नहीं होती है तो फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जायेगी. कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से जिले में बाल स्वास्थ्य टीकाकरण, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, कोविड टीकाकरण, कोविड सैम्पलिंग, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम सहित सभी हैल्थ वैलनेस सेंटरों पर कार्य प्रभावित हो गये हैं. 


संगठन के जिलाध्यक्ष ने दी ये जानकारी 


संगठन के जिलाध्यक्ष विपिन सेमवाल ने कहा कि कर्मचारी पिछले लंबे समय से हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान लाभ एवं पर्वतीय राज्य असम की भांति 60 वर्ष की सेवा का लाभ देने तथा आउटसोर्स के माध्यम से की जा रही नियुक्ति अविलंब समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एनएचएम के कर्मचारियों की ओर से पिछले 17 वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं में पूरी ईमानदारी के साथ सेवाएं दी जा रही हैं.


विपिन सेमवाल ने कहा कि कोविड के दौरान जहां कर्मचारियों ने दिन रात रहकर कार्य किया है, वहीं कोरोना से कई कर्मचारी ग्रसित भी हुए. बावजूद इसके वह अपने दायित्वों से पीछे नहीं हटे और अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहे. उन्होंने सरकार पर उपेक्षात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि यदि दस दिसंबर से पूर्व उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे. हालांकि इन तीन दिनों तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर कार्य बहिष्कार किया जाएगा. जबकि दस दिसम्बर के बाद पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार शुरू किया जाएगा.


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