Rudraprayag News: रुद्रप्रयाग के त्रियुगीनारायण जिले के शिव-पार्वती विवाह स्थल को भले ही देश में उसे वेडिंग डेस्टिनेशन के नाम से जाना जाता है, लेकिन आस्था के इस पवित्र केंद्र का अब व्यवसायिक रूप होने से स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि धार्मिक स्थल को पिकनिक स्पॉट बनाया जा रहा है, जिससे आस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
मंदिर में एजेंट करवा रहे शादी
बता दें कि ग्राम पंचायत त्रियुगीनारायण स्थित शिव पार्वती विवाह स्थल मन्दिर में हर साल बड़ी संख्या में लोग विवाह करने आते हैं. इसी को देखते हुए सरकार ने इस स्थान को वेडिंग डेस्टिनेशन के नाम से मशहूर किया है. वर्तमान में यहां हर प्रदेश से लोग विवाह करने पहुंचते हैं, लेकिन अब इस स्थल में शादी के लिए एजेंटों द्वारा लोगों को लाकर इसे व्यवसायिक रूप दिया जा रहा है. जिसका ग्रामीणों और तीर्थ पुरोहितों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. नाराज ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत त्रियुगीनारायण में ग्राम प्रधान प्रियंका तिवारी की अध्यक्षता में आम बैठक की. जिसमें ग्रामीणों ने मन्दिर का माहौल खराब करने वाले बाहरी एजेन्टों पर कार्रवाई की मांग की.
गांव वालों ने किया एजेंटों का विरोध
ग्रामीणों ने बताया कि पहले यहां गांव के तीर्थ पुरोहितों द्वारा पौराणिक रूप से विवाह संपन्न कराए जाते रहे हैं, लेकिन अब वर्तमान में बाहरी एजेंट और एनजीओ की ओर से आस्था के साथ खिलवाड़ कर मनमाने ढंग से प्राचीन परम्पराओं के विरुद्ध जाकर वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराए जा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इससे हमारी संस्कृति दूषित हो रही है. साथ ही मर्यादाओं का हनन किया जा रहा है. ग्रामीणों ने प्रस्ताव पारित कर एक ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया है.
धार्मिक स्थल बना पिकनिट स्पॉट
ग्राम प्रधान त्रियुगीनारायण प्रियंका तिवारी ने बताया कि गांव में हो रही शादियों से उन्हें कोई परेशानी नहीं है, मगर पौराणिक आस्था के साथ खिलवाड़ करना एवं मन्दिर स्थलों में शराब पार्टियां कर गांव को दूषित किया जा रहा है, जिसकी वजह से ग्रामीणों में आक्रोश है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि एजेंटों द्वारा मन्दिर में शादियां ना करवाई जाएं. इससे हक-हकूकों के साथ खिलवाड़ हो रहा है. साथ ही त्रियुगीनारायण मंदिर आज पिकनिक स्पॉट बनता जा रहा है. रात के समय में हो-हल्ला जैसा माहौल देखने को मिलता है. पार्टियां की जा रही है. ये धार्मिक परम्परा के खिलाफ है, जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा.