Operation Muskaan: केदारनाथ पैदल मार्ग पर बिछड़ने वाले यात्रियों को परिजनों से मिलाने के लिए पुलिस ऑपरेशन मुस्कान चलाएगी. इसके लिए केदारनाथ धाम मंदिर परिसर, लिनचोली, गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग में खोया पाया केंद्र बनाए गए हैं. खोया पाया केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है. केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं की सहायता के लिए पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है. हेल्पलाइन नंबर पर श्रद्धालु यात्रा और मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे. 


रुद्रप्रयाग पुलिस की मुहिम से चेहरों पर आएगी मुस्कान


गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु पैदल, घोड़ा-खच्चर या डण्डी-कण्डी की सहायता लेते हैं. लंबे ट्रैक पर चलते हुए श्रद्धालु परिजनों से बिछड़ जाते हैं. विषम स्थान पर बिछड़ जाने की दशा में श्रद्धालुओ को काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. जनपद पुलिस इस बार की यात्रा में बिछड़े परिवारों और श्रद्धालुओं को मिलवाने के लिए ऑपरेशन मुस्कान योजना शुरू कर रही है. इसके तहत न केवल भटके बिछड़े लोगों को आपस में मिलवाया जाएगा, बल्कि श्रद्धालुओं की खोई हुई सामग्री को ढूंढकर वापस कराने का प्रयास किया जाएगा. केदारनाथ मंदिर परिसर, लिनचोली, गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग में खोया पाया केन्द्र बनाकर पुलिस बल तैनात किया गया है. जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस की मुहिम श्रद्धालुओं के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करेगी.




बिछड़े श्रद्धालुओं को परिजनों से मिलाने की है तैयारी


यात्रियों की सहूलियत के लिए पुलिस ने केदारनाथ यात्रा हेल्पलाइन नंबर 7579257572 जारी किया है. पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि जनपद पुलिस स्तर से यात्रियों के लिए एक डैडिकेटेड नंबर जारी किया है. यात्री किसी भी प्रकार की समस्या बताकर आवश्यक मदद ले सकेंगे. हेल्पलाइन नंबर जानकारी देने या सहायता मुहैया कराने के लिए प्रत्येक दिन 24 घंटे काम करेगा. पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात कार्मिकों को जिम्मेदारी दी गई. पुलिस नियंत्रण कक्ष के स्तर से शिकायत और समस्याओं को संबंधित थाना चैकियों को भेजा जाएगा. हेल्पलाइन नंबर के व्यस्त रहने की दशा में इमरजेंसी नंबर 112 पर भी संपर्क साधा जा सकता है. जनपद से संबंधित सूचना पर पुलिस के स्तर से आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही यात्रियों को यात्रा संबंधी जानकारी उनकी ही भाषाओं में दी जाएगी. 5 भाषाओं में होर्डिंग्स, बैनर और फ्लैक्स तैयार कर पूरे यात्रा मार्ग पर लगाए गए हैं. 


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