Rudraprayag News: रुद्रप्रयाग में शुक्रवार रात से हो रही बारिश के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ गई हैं. दूसरी तरफ प्रसिद्ध कोटेश्वर महादेव की गुफा भी जलमग्न हो गई है. मां अलकनंदा भगवान कोटेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर रही है. दूर-दराज से भक्त कोटेश्वर भगवान की गुफा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. गुफा के जलमग्न होने से भक्त गुफा में नहीं जा रहे हैं.


मान्यता है कि गौत्र हत्या से मुक्ति को लेकर पांडव जब स्वर्गारोहिणी की ओर जा रहे थे, तो उन्होंने इस गुफा में कुछ समय तक विश्राम किया. साथ ही साथ भगवान शंकर की आराधना की लेकिन भगवान शंकर ने उन्हें यहां भी दर्शन नहीं दिए. कोटेश्वर मंदिर के महंत शिवानंद गिरि महाराज ने बताया कि साल के सावन मास में एक दिन ऐसा आता है, जब  मां भगवती अलकनंदा स्वयं भगवान शंकर का जलाभिषेक करती हैं.


खतरे के निशान के करीब पहुंची अलकनंदा नदी
पहाड़ों में लगातार बारिश जारी है. बारिश के कारण नदी नाले भी उफान में है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है. नदी का खतरे का निशान 626 मीटर है और यहां नदी 625 मीटर पर बह रही है. लगातार बारिश जारी रही तो नदी खतरे के निशान को भी पार कर जाएगी. अलकनंदा नदी के उफान में आने से रुद्रप्रयाग में स्थित प्रसिद्ध कोटेश्वर महादेव मंदिर की गुफा भी जलमग्न हो गई है.


अलकनंदा नदी स्वयं कोटेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर रही है. गुफा के जलमग्न होने से भक्त गुफा जलाभिषेक के लिये नहीं पहुंच पा रहे हैं. दूर से ही लोग भक्त भगवान कोटेश्वर को जलाभिषेक कर रहे हैं. कोटेश्वर महादेव प्रसिद्ध शिव मंदिर है. यहां वर्ष भर भक्त एवं तीर्थ यात्री आते हैं. यहां भगवान शंकर की कोटेश्वर के रूप में पूजा होती है. यहां भगवान कोटेश्वर का शिवलिंग एक गुफा के अंदर विराजमान है. यहां असंख्य शिव लिंग पाये जाते हैं, इसिलिये यहां का नाम कोटेश्वर है. फिलहाल अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से कोटेश्वर गुफा के भक्त दर्शन नहीं कर पा रहे हैं.


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