Uttarakhand News: विधि-विधान से खुले द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट, श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह
मदमहेश्वर धाम (Madmaheshwar Dham) रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) के सीमांत गांव गौंडार से 16 किलोमीटर की चढ़ाई पार कर पहुंचा जाता है. कपाट खुलने के अवसर पर भारी संख्या में भक्त मौजूद रहे.
Uttarakhand News: पंच केदारों में द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट आज विधि-विधान से खोल दिए गए. ग्रीष्मकालीन दर्शन के लिए कपाट खुलने से श्रद्धालओं में जबरदस्त उत्साह है. वाद्य यंत्रों की धुनों और जयकारों के बीच 11 बजे कपाट खोले गए. अब भक्त पंच केदारों के दर्शन भी कर सकते हैं. ग्रीष्मकाल के छह माह कपाट खुले रहेंगे. कपाट खुलने से पहले मदमहेश्वर मंदिर की भव्य साज-सज्जा फूलों से की गई थी. द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम में भगवान शिव के मध्य भाग की पूजा होती है.
गौंडार गांव से धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर की डोली का स्वागत
मदमहेश्वर धाम रुद्रप्रयाग के सीमांत गांव गौंडार से 16 किलोमीटर की चढ़ाई पार कर पहुंचा जाता है. गौंडार बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से लगभग 30 किमी दूर स्थित है. 20 मई को द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम रवाना हुई थी. आज गौंडार गांव से धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर की डोली का भव्य स्वागत किया गया. सुबह 11 बजे डोली पहुंचने पर मदमहेश्वर भगवान के कपाट खोल दिए गए. कपाट खुलने के अवसर पर भारी संख्या में भक्त मौजूद रहे.
सुबह 11 बजे ग्रीष्मकालीन दर्शन के लिए भारी उत्साह से खुले कपाट
आपको बता दे किं भगवान मदमहेश्वर का मंदिर समुद्र तल से 3470 मीटर की उंचाई पर स्थित है. स्थानीय हक-हकूकधारी शिव सिंह पंवार ने बताया कि आज सुबह 11 बजे आम भक्तों के लिये कपाट खोल दिये गये हैं. 19 मई को ब्रह्म बेला पर गौंडार प्रधान पुजारी शिव शंकर ने भगवान मदमहेश्वर सहित 33 करोड़ देवी-देवताओं का आह्वान किया था. सुबह 6 बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार किया गया. आरती उतारी के बाद डोली गौंडार गांव से कैलाश रवाना हुई.