रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट 11 बजकर 30 मिनट पर कर्क लग्न में सादगी के साथ जय शंकर जय तुंगनाथ बाबा के उद्घोष और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ग्रीष्म काल के लिए खोले दिए गए हैं. कपाट खुलने के अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी और तीर्थ पुरोहित ही मौजूद रहे. इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया.


किया गया रुद्राभिषेक
सोमवार को तुंगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता में पंडित विजय भारत मैठाणी, संजय मैठाणी, विनोद मैठाणी और अतुल मैठाणी ने पंचाग पूजन के तहत 33 करोड़ देवी-देवताओं का आह्वान किया और भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों का रुद्राभिषेक कर आरती उतारी. इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर चल विग्रह उत्सव डोली का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रृंगार कर दोबारा आरती उतारी गई. 


भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ठीक 8 बजे चोपता से धाम के लिए रवाना हुई और सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए भुजगलि पहुंची. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों और देव दर्शनी में कुछ देर विश्राम करने के बाद स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के साथ अपने धाम पहुंची. तुंगनाथ भगवान ने भूतनाथ मंदिर पहुंचने पर पौराणिक पाषाणों को तोडे़ जाने पर नाराजगी व्यक्ति की.


नर रूप में अवतरित हुए भगवान तुंगनाथ
भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के मन्दिर परिसर में प्रवेश करते ही भगवान तुंगनाथ नर रूप में अवतरित हुए और शीतकाल में धाम में सैलानियों की आवाजाही होने पर तपस्या में बाधा उत्पन्न होने की बात कही. जिसपर भक्तों ने विनती कर भगवान तुंगनाथ को शान्त किया. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने मुख्य मन्दिर सहित सहायक मन्दिरों की तीन परिक्रमा की. डोली के मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भगवान तुंगनाथ के कपाट लग्न के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चारण और जय शंकर, जय तुगनाथ बाबा के उदघोष के साथ खोल दिए गए. 


पूजा-अर्चना कर आरती उतारी गई
कपाट खुलने के बाद मठापति राम प्रसाद मैठाणी, आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी सहित सभी तीर्थ पुरोहितों ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी. तीर्थ पुरोहितों और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने जलाभिषेक कर मनौती भी मांगी. कपाट खुलने के बाद भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग से भस्मी, चन्दन और पुष्पों को श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया. कपाट खुलने के बाद तहसील प्रशासन के निर्देश के अनुसार चार हक-हकूकधारी और चार देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी धाम में मौजूद रहेंगे.


डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने की ऑनलाइन पूजा
भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के पावन अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ऑनलाइन पूजा कर विश्व कल्याण और क्षेत्र के खुशहाली की कामना की. डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के तीर्थ पुरोहित राजकुमार तिवारी ने बताया कि सोमवार को भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से ऑनलाइन पूजा की गई. उन्होंने बताया कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की तरफ से लगभग 2 घंटे तक ऑनलाइन पूजा कर आरती उतारी गई. 


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