Rudraprayag: द्वितीय केदार मदमहेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित, जानिए- समय और महत्व
Rudraprayag: भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 मई को 11 बजे कर्क लगन और भगवान तुंगनाथ के कपाट 6 मई को दोपहर 12 बजे कर्क लगन में ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.
Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने और चल विग्रह उत्सव डोलियों के शीतकालीन गद्दी स्थलों से धाम रवाना होने की तिथि बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है. भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 मई को 11 बजे कर्क लगन और भगवान तुंगनाथ के कपाट 6 मई को दोपहर 12 बजे कर्क लगन में ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.
चल विग्रह उत्सव डोली की तारीख
भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में बैसाखी पर्व पर घोषित तिथि के अनुसार तीन मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कूमठ से रवाना होगी और प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गांव के मध्य भूतनाथ मंदिर पहुंचेगी, जहां पर स्थानीय भक्तों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित कर विशाल पुणखी मेले का आयोजन किया जायेगा.
दोपहर 12 बजे खुलेंगे कपाट
4 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मंदिर में ही भक्तों को दर्शन देगी. 5 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मंदिर से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. 6 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए तुंगनाथ धाम पहुंचेगी और भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ के कपाट दोपहर 12 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगें.
मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली
वहीं दूसरी ओर भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में बैसाखी पर्व पर पंचाग गणना के तहत घोषित तिथि के अनुसार 15 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां गर्भ गृह से सभा मंडप में चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होगी और स्थानीय भक्तों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित किया जायेगा.
कब कहां-कहां पहुंचेगी
16 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली सभा मंडप में ही भक्तों को दर्शन देगी. 17 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से कैलाश के लिए रवाना होगी और डंगवाडी, ब्राह्मण खोली, मंगोलचारी, सलामी फापंज, मनसूना, राऊलैंक, उनियाणा यात्रा पड़ावों पर भक्तों को दर्शन देते हुए रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी.
11 बजे खुलेंगे कपाट
18 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी. 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा, कूनचटटी यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी और भगवान मदमहेश्वर चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर ठीक 11 बजे कर्क लगन में भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगें.