Rudraprayag: आवासीय क्षेत्रों तक पहुंचने लगी जंगलों में लगी आग, काबू पाने में वन विभाग नाकाम, जताई जा रही ये गंभीर चिंता
जनपद का कोई भी ऐसा जंगल नहीं है जो जलकर राख न हो रहा हो. जहां लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं तो वहीं जंगली जानवरों का जीवन खतरे में है. प्राकृतिक सम्पदा जलकर राख हो रही है.
![Rudraprayag: आवासीय क्षेत्रों तक पहुंचने लगी जंगलों में लगी आग, काबू पाने में वन विभाग नाकाम, जताई जा रही ये गंभीर चिंता Rudraprayag Uttarakhand Forest department fails to extinguish forest fire water crisis temperature rises ANN Rudraprayag: आवासीय क्षेत्रों तक पहुंचने लगी जंगलों में लगी आग, काबू पाने में वन विभाग नाकाम, जताई जा रही ये गंभीर चिंता](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/27/ebfe0621273d0540286fc5d44763ca1b_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
उत्तराखंड (Uttarakhand) के रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. जंगलों में लगी आग अब आवासीय क्षेत्रों तक भी पहुंच रही है. जिला मुख्यालय से सटे गांवों में जंगलों की आग पहुंच रही है, जिसके बाद ग्रामीण जान पर खेलकर आग बुझाने में लगे हैं. वहीं आसमान में चारो तरफ धुंध ही धुंध छाई हुई है. वन विभाग आग पर काबू पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है.
क्या-क्या नुकसान हो रहा
जंगलों में लगी आग ने अब विकराल रूप धारण कर दिया है. इन दिनों जनपद का कोई भी ऐसा जंगल नहीं है जो जलकर राख न हो रहा हो. आग से जहां लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं तो वहीं जंगली जानवरों का जीवन खतरे में पड़ गया है और प्राकृतिक सम्पदा जलकर राख हो रही है. आसमान में छाई धुंध के कारण आम जनता की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं. इस धुंध के कारण जहां सूर्य की रोशनी का कोई असर नहीं हो रहा है तो वहीं भीषण गर्मी भी पड़ रही है.
काबू नहीं पाया जा सका
जंगलों में लगी आग के कारण प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखने लगे हैं, साथ ही कई जगह पेयजल लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं. वन विभाग की ओर से जगह-जगह आग बुझाने के लिये टीमें तो भेजी जा रही हैं, लेकिन कहीं भी आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है.
पर्यावरणविद ने क्या कहा
पर्यावरण विददेव राघवेन्द्र बद्री ने कहा कि, देवभूमि उत्तराखण्ड में जंगल धूं-धूं कर जल रहे हैं लेकिन सरकार इस मसले पर मौन है. जंगलों की आग ने हवा को पचास प्रतिशत दूषित कर दिया है. ब्लैक कार्बन के कारण आंखों में जलन और खुजली हो रही है. पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंच रहा है. पौधों में बीमारियां लगनी शुरू हो गई हैं.
बद्री ने कहा, ब्लैक कार्बन से काफी नुकसान हो रहा है. आंकड़ों में साफ है कि जंगल में आग लगने से तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है और 332.82 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं. यह एक गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि हमें अपने उत्तराखण्ड को बचाने के प्रयास करने होंगे.
अधिकारी ने क्या बताया
अगस्त्यमुनि रेंज के वन क्षेत्राधिकारी यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि, वनकर्मी दिन-रात आग पर काबू पाने में जुटे हुये हैं. जगह-जगह से जंगलों में लाग लगने की सूचनाएं मिल रही हैं. सूचना मिलते ही वनकर्मी मौके पर पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि आम जनता से जंगलों में आग न लगाने की अपील भी की जा रही है.
उत्तर प्रदेश में 37 लाख किसानों को सरकार के एक फैसले से हुआ लाभ, जानिए- कैसे मुश्किल हुई आसान
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)