Rudraprayag News: यूक्रेन में फंसे रुद्रप्रयाग जिले के चार छात्रों के परिजन दिन-रात अपने बच्चों की चिंता में आंसू बहा रहे हैं और भारत सरकार से उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि बच्चों से फोन पर बातचीत होने पर उन्होंने बताया कि वे पानी के लिए भी तरस गये हैं. भूख-प्यास से हालत खराब हो गई है. उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. वहीं जिले का एक और व्यक्ति भी यूक्रेन में फंसा हैं, जो यूक्रेन (Ukraine)में कहीं काम करता है, उसके बारे में परिजनों को कोई भी जानकारी नहीं है. ऐसे में प्रशासन व्यक्ति की तलाश को लेकर भारत सरकार से संपर्क किये हुए है.


कौन कौन फंसा है
रुद्रप्रयाग जनपद के चार छात्रों के साथ एक व्यक्ति यूक्रेन में फंसा हुआ है. छात्र जहां यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं यह युवक नौकरी करने गया था और किसी होटल में वेटर का काम करता है, जिसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं है. वहीं छात्रों की जानकारी प्रशासन को मिल गयी है, जबकि व्यक्ति की जानकारी पता की जा रही है. जिले के तोलियो जगोठ का अंकित चन्द्र, फलई अगस्त्यमुनि की अवंतिका, नागजगई गुप्तकाशी के उत्कर्ष शुक्ला, बंजपाणी ऊखीमठ की उपाक्षी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. 


बरसूड़ी बच्छणस्यूं निवासी धूम सिंह वहां नौकरी कर रहा है. फंसे हुए छात्रों से तो परिजनों की बात हो रही है, लेकिन व्यक्ति के परिजनों से नहीं हो पा रही है. इस वजह से प्रशासन भी परेशान है. परिजनों से बात होने पर छात्रों ने बताया कि यहां अब पानी भी नहीं मिल रहा है, जबकि खाने को भी कुछ नहीं है. रात-दिन बम के धमाके सुनाई दे रहे हैं. चारों ओर धुंआ ही धुंआ नजर आ रहा है. रात के अंधेरे में भी धमाके हो रहे हैं. सभी छात्रों में दहशत बनी हुई है.


छात्र के पिता ने क्या बताया
यूक्रेन में फंसे छात्र अंकित के पिता डीएल मंगवाल ने बताया कि उनका बेटा यूक्रेन के कीव शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से काफी दिक्कतें बढ़ गयी हैं. कल से वे अपने बेटे से बात नहीं कर पाये हैं. अन्य बच्चों के परिजनों से बातचीत करने पर पता चला है कि जहां पर वे रह रहे हैं, वहां हालात काफी खराब हैं. खाने और पीने के लिए कुछ नहीं बचा है. उनके सामने कई समस्याएं खड़ी हो गयी हैं. 


वे रात-दिन बम के धमाके सुनकर थक चुके हैं और जीना काफी मुश्किल हो गया है. भूख-प्यास से हालत काफी नाजुक भी हो चुकी है. पीड़ित पिता ने कहा कि यदि ऐसा ही रहा तो एक-दो दिन में बच्चों के साथ कुछ भी हो सकता है. उन्होंने भारत सरकार से रोते हुए कहा कि जल्द से जल्द दोनों देशों से बातचीत करके बच्चों को वापस बुलाया जाय. वरना इस विपत्ति के परिणाम बेकसूर बच्चों के परिजनों को भुगतने होंगे.  


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