Rudraprayag News: रुद्रप्रयाग में जंगल की आग पर वन विभाग तेजी से पा रहा काबू, खुद DFO ने संभाला मोर्चा, अपनाया जा रहा ये नया तरीका
Rudraprayag forest fire: रुद्रप्रयाग में आग की घटनाओं पर शीघ्रता से कार्य कर पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा रहा है. नये-नये प्रयोग किये जा रहे हैं. उप वन संरक्षक खुद आग बुझाने में लगे हैं.
Rudraprayag News: इन दिनों उत्तराखंड (Uttarakhand) के कई जनपदों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. इन घटनाओं से जहां पर्यावरण पर खासा असर देखने को मिल रहा है तो वहीं वन सम्पदा को भी लाखों का नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग (Rudraprayag Forest Department) की टीम तेजी से जंगलों में फैली आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही है. रुद्रप्रयाग वन प्रभाग प्रदेश का ऐसा प्रभाग है जहां आग की घटनाओं पर शीघ्रता से कार्य कर पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा रहा है. यहां नये-नये प्रयोग किये जा रहे हैं. उप वन संरक्षक भी खुद जंगलों की आग को बुझाने में लगे हुए हैं.
किए जा रहे काफी प्रयास
गर्मियां बढ़ते ही आग लगने की घटनाएं भी शुरू हो जाती हैं. आग की वजह से जंगल धूं-धूं करके जल रहे हैं और पर्यावरण पर इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है. रुद्रप्रयाग जनपद में वन प्रभाग रुद्रप्रयाग की ओर से इसबार आग पर काबू पाने के लिए नये-नये तरीके प्रयोग में लाये गये हैं. रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की मेहनत से जंगल में लगी आग से प्राकृतिक वन सम्पदा को राख होने से बचाया जा रहा है. इससे रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के जंगल सुरक्षित नजर आ रहे हैं और यहां कोई बड़ी घटना नहीं घट रही है.
उप वन संरक्षक ने संभाला मोर्चा
प्रदेश में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के भीतर एक सप्ताह में 18 से 20 स्थानों में आग लगने पर तेजी से कार्य किया गया और आग पर काबू पाया गया. वन प्रभाग रुद्रप्रयाग के उप वन संरक्षक वैभव कुमार सिंह भी रात-दिन जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं. वैभव कुमार सिंह ने बताया कि आग की सबसे ज्यादा घटनाएं वन पंचायत और सिविल भूमि में देखने को मिल रही हैं. विभाग की ओर से 28 कू स्टेशन बनाए गए हैं. साथ ही हर रेंज स्तर पर दो सचल दस्ते बनाए गए हैं जो आग की घटनाओं पर नजर बनाये हुए हैं.
कैसे पाया जा रहा काबू
उप वन संरक्षक ने बताया कि, वन प्रभाग ने अनूठा प्रयास करते हुए फॉरेस्ट फायर रुद्रप्रयाग एप और जूम पोर्टल बनाया है. इससे वनों में लगने वाली आग पर नजर बनाये रखने के साथ ही वनों के प्रकार, लोकेशन और जंगलों में लगी आग की स्थिति का पता चलता है. सचल दल दस्ते और जीपीएस ट्रैकर लगाये गये हैं. तीन से चार घंटे के भीतर आग पर नियंत्रण पाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि तापमान काफी बढ़ रहा है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है. वन प्रभाग ने क्रू स्टेशन को अलर्ट पर रखा है.
किया जा रहा ये नया प्रयोग
उप वन संरक्षक ने बताया कि, इसबार वन प्रभाग ने नया प्रयोग किया है जिसमें सड़क मार्ग में पड़े पिरूल को कंप्रेशन मशीन से हटाया जा रहा है. यह प्रयोग करने वाला रुद्रप्रयाग पहला जनपद है. सड़क में पिरूल गिरने के बाद गाड़ियों के धुंए और चिंगारी से आग लग जाती है. ऐसे में कंप्रेसर मशीन से पिरूल को हटाया जा रहा है. प्रारम्भिक तौर पर तेजी से कार्य चल रहा है और इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं.
आग लगाने पर सजा का प्रावधान
उप वन संरक्षक ने बताया कि, अब तक जिले में जिन स्थानों पर आग की घटनाएं सामने आई हैं वहां तेजी से कार्य करते हुए आग को बुझाया गया है. इन घटनाओं में जान-माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि भारतीय वन अधिनियम के तहत वनों में आग लगाने पर सजा का प्रवधान है.
की गई ये अपील
ग्राम पंचायत प्रधान और सरपंच से अपील की गई है कि लोगों को जागरूक किया जाय और जो लोग खेतों में आड़ा लगाते हैं, उन्हें सतर्कता से आड़ा जलाने के लिए कहा जाय. इस आड़े की लपटों से कभी-कभी आग जंगलों तक फैल जाती है. जंगलों में आग लगाने वाले व्यक्ति की शिकायत मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.