Uttarakhand News: जनपद रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) में प्राकृतिक आपदा पीड़ित गांवों का बुरा हाल है. बीते दिन बारिश के कारण गांवों को जोड़ने वाले पैदल मार्ग और पुल ध्वस्त (Bridge Collapsed) हो गए हैं. ऐसे में ग्रामीण टूटे हुए पेड़ के सहारे उफान पर आई नदियों को जान जोखिम में डालकर आर-पार कर रहे हैं. पहाड़ों में हर साल मानसून (Monsoon) आफत बनकर बरसता है.  मानसूनी सीजन में लोगों के घर और खेत खलिहान तबाह हो जाते हैं.


ग्रामीणों के सामने आवाजाही का पैदा हुआ संकट


बारिश के कारण लिंक मार्गों के साथ ही पैदल संपर्क मार्गों को भी भारी नुकसान होता है. ऐसे में ग्रामीण जनता का जीवन पहाड़ जैसा ही बना रहता है. ऐसी ही कुछ स्थिति इन दिनों जनपद रुद्रप्रयाग के अनेक गांवों में बनी हुई है. जनपद के घरड़ा गांव में बीते दिन आई आपदा से जहां ग्रामीणों के खेत खलिहान तबाह हो गए, वहीं पैदल मार्ग और पुल भी ध्वस्त हो गए. अब ग्रामीणों के सामने आवाजाही का संकट पैदा हो गया है. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर उफान पर आई नदी को एक लकड़ी की बल्ली के सहारे पार कर रहे हैं. 


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ग्रामीणों ने प्रशासन से की पुल बनाने की मांग


हालात ऐसे हैं कि एक गलती जान पर भारी पड़ सकती है. घरड़ा गांव से डरा देने वाली तस्वीरे सामने आई हैं, जिसे देखकर आपकी भी रूह कांप जाएगा. यहां ग्रामीण जनता उफनती हिलाऊं नदी में टूटे हुए पेड़ के सहारे नदी को पार करने को मजबूर हैं. उफनती नदी के पार एक शिव मंदिर के साथ ही कई परिवार रहते हैं. बीते दिन अतिवृष्टि के चलते यहां पर पुल बह गया है और अब परेशानी बढ़ गई है. अगर यही स्थिति रही तो यहां कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है. ग्रामीण दर्शन सिंह, जयमा देवी और जशोदा देवी ने कहा कि नदी के उफान पर आने से पुल बह गया है. यह स्थिति पहली बार देखनी को मिली है कि जब भारी बारिश के कारण नदी ने विकराल रूप धारण किया. पुल बहने से ग्रामीणों को टूटे हुए पेड़ के सहारे आर-पार जाना पड़ रहा है. उन्होंने प्रशासन से जल्द पुल बनाने की मांग की है.


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