Rudraprayag News: ठंड के मौसम में अत्यधिक बर्फबारी के कारण उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में जल संस्थान रुद्रप्रयाग को भारी नुकसान हुआ है. गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम तक जल संस्थान के लगभग 20 स्टैण्ड पोस्ट क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि पेयजल लाइन भी ग्लेशियर और बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है. विभाग ने शासन को केदारनाथ में हुए नुकसान की पूर्ति करने के लिये एक करोड़ तीस लाख का स्टीमेट भेजा है. हालांकि छह मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा को देखते हुए विभाग धाम सहित पैदल मार्ग पर पानी की आपूर्ति करने में जुट गया है.


विभाग तैयारियों में जुटा
केदारनाथ यात्रा की तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई हैं. यात्रा से जुड़े विभाग अपनी-अपनी टीमों के साथ केदारनाथ पहुंचने लगे हैं. शासन से भी विभागों को समय पर तैयारियां पूरी करने के निर्देश मिले हैं. इसी कड़ी में जल संस्थान विभाग रुद्रप्रयाग भी धाम सहित पैदल मार्ग पर यात्रा व्यवस्था सुचारू रूप से मुहैया कराने में जुट गया है. हालांकि अत्यधिक बर्फबारी के कारण जल संस्थान को धाम और पैदल मार्ग पर भारी नुकसान हुआ है.


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पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त
भीमबली से आगे धाम तक जल संस्थान के कई स्टैण्ड पोस्ट और नल ग्लेशियरों से टूट गये हैं, जबकि बर्फबारी में जगह-जगह पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है. ऐसे में विभाग के सामने समय कम और काम ज्यादा हो गया है. जल संस्थान ने शासन को क्षतिग्रस्त स्टैण्ड पोस्टों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिये एक करोड़ तीस लाख रुपये का स्टीमेट भेजा है. 


विभाग ने क्या दावा किया
हालांकि अभी विभाग को पैसा नहीं मिला है, लेकिन आगामी यात्रा को देखते हुये विभाग तैयारियों में जुट गया है. केदारनाथ पैदल मार्ग सहित धाम में यात्रियों के लिए स्टैंड पोस्ट तैयार किये जा रहे हैं, जबकि घोड़े-खच्चरों के लिये भी पानी की चरियां बनाई जा रही हैं. विभाग का दावा है कि कपाट खुलने से पूर्व पानी की आपूर्ति सुचारू हो जायेगी.


पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी जायेगी-अभियंता
जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने बताया कि बर्फबारी और ग्लेशियरों के टूटने से बीस के आस-पास स्टैंड पोस्ट क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि पेयजल लाइनें भी जगह-जगह ध्वस्त हो चुकी हैं. विभाग अपनी तैयारी में जुट गया है. यात्रा से पहले केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही धाम में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी जायेगी, जिससे तीर्थयात्रियों को पेयजल की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा.


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