Rudrapur News: रुद्रपुर में लोगों ने शव के बदले कुश से बने पुतले का किया अंतिम संस्कार, सामने आई ये बड़ी वजह
Uttarakhand News: रुद्रपुर में श्मशान घाट में कुछ लोगों ने शव के बदले कुश से बने पुतले का अंतिम संस्कार धार्मिक मान्यता के तहत किया. जिसके बाद पुलिस को ये सूचना दी गई.
Rudrapur News: रुद्रपुर के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार का अजीबोगरीब मामला सामने आने से खलबली मच गई है. दरअसल, श्मशान घाट में कुछ लोगों ने शव के बदले कुश से बने पुतले का अंतिम संस्कार धार्मिक मान्यता के तहत किया. मुक्तिधाम के पंडित को पूरे मामले की सही जानकारी नहीं होने पर उन्होंने पुलिस को जानकारी दे दी. उसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की.
क्या है पूरा मामला?
रुद्रपुर के श्मशान घाट में कुश के पुतले के दाह संस्कार के बाद पुलिस ने छानबीन की. जिसमें पता चला कि 11 साल पहले रम्पुरा क्षेत्र से एक व्यक्ति रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था. कुछ दिन बाद पुलिस को उसका शव नाले से मिला था लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो सकी.पुलिस ने अज्ञात में शव का दाह संस्कार कर दिया. मामले में मृतक के परिजनों ने पुलिस को तहरीर भी सौंपी थी. तहरीर के आधार पर पड़ताल कर रही पुलिस ने ढाई महीने पहले मामले का खुलासा करते हुए लापता होने वाले व्यक्ति भोनू साहनी के सगे भाई को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था.
अब मृतक भोनू साहनी के परिजन रुद्रपुर की सुभाष कॉलोनी से पूरे विधि विधान के साथ 25 से 30 लोग इकट्ठा होकर यात्रा लेकर इच्छा रोड स्थित श्मशान घाट पहुंचे और यहां उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ सवा कुंटल लकड़ी लेकर कुश के घास से बने एक पुतले का दाह संस्कार कर दिया. पंडित को इस बात की जानकारी नहीं थी कि धार्मिक मान्यताओं के तहत यहां पुतले का दाह संस्कार किया जा रहा है. वहीं परिजनों ने जब सिर्फ सवा कुंतल लकड़ी खरीदी तो मुक्तिधाम के पंडित ने मामला संदिग्ध मानकर उसने पूछताछ की. जिस पर परिजनों ने पुतले का संस्कार करने की बात पंडित को बतायी. पंडित ने रम्पुरा चौकी पुलिस को तहरीर सौंप दी.
इस मामले में नहीं की जा सकती कार्रवाई
पुलिस ने पूछताछ के लिए संस्कार करने वाले परिजनों को बुलाया. उन्होंने पुलिस को बताया कि धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अपने संबंधी की आत्म शांति और पिंडदान के लिए कुश का पुतला बनाकर उसका दाह संस्कार किया. वहीं मामले में रुद्रपुर सीओ सिटी अभय सिंह ने बताया कि शमशान घाट में जो पंडित है उनके द्वारा एक शिकायत दी गई थी, वो प्रकरण को नहीं समझ पाए थे, फिर जब इस लड़के को बुलाकर पूछताछ की गई तो इनके द्वारा ये बताया गया कि उनके पिता की मृत्यु हुई थी और जो भी संस्कार के कार्यक्रम होते हैं,वो किए गए थे. उनके पुरोहित ने उन्हें ऐसा करने को कहा था, जिस पर मृतक के परिजनों ने धार्मिक मान्यता के अनुसार कुश के पुतले का दाह संस्कार किया जो किसी भी तरह से अवैध नहीं है. मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती.
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