Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच ऑपरेशन गंगा के तहत बरेली का एक छात्र भी अपने घर लौट आया है. बरेली लौटने पर उसके घर पर होली से पहले ही होली जैसा माहौल है. घर के सभी लोग काफी खुश है. वही एमबीबीएस छात्र कृष्णकांत का कहना है कि यूक्रेन में हालात काफी खराब है और वहां पर लगातार बमबारी हो रही है. ऐसे में वहां से बॉर्डर तक पहुचना काफी मुसीबतों भरा हैं.



बरेली के 100 फुटा रोड निवासी कृष्णकांत प्रसाद यूक्रेन के इवानो फ्रेंकविस्क शहर की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के छात्र है. कृष्णकांत का कहना है वो और उनके दोस्त किसी तरह गाड़ी करके रोमानिया बॉर्डर पहुचे. बॉर्डर से करीब 15 किलोमीटर पहले ही गाड़िया छात्रों को उतार दे रही है जहां से छात्रों को पैदल ही रोमानिया बॉर्डर जाना पड़ रहा है. बॉर्डर पर पहुचने के बाद भी काफी देर तक लाइनों में लागना पड़ रहा है. करीब 13 घण्टे तक कृष्णकांत को भी लाइन में लगना पड़ा.


बॉर्डर पर छात्रों की काफी भीड़


दरअसल बॉर्डर पर छात्रों की काफी भीड़ है जिस वजह से वहां की पुलिस चैकिंग करती है और चैकिंग के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है. वही बॉर्डर पर एयरपोर्ट तक पहुचने के लिए बस का इंतजाम किया गया जिसका कोई भी किराया नही लिया गया. उसके बाद एयरपोर्ट से फ्लाइट से दिल्ली तक आने पर भी कोई किराया नही लिया गया. इतना ही नही दिल्ली में यूपी भवन से सरकार द्वारा कार का प्रबंध किया गया जिससे कृष्णकांत बरेली पहुचे और उसका भी किसी भी तरह का कोई भुगतान नही करना पड़ा. कृष्णकांत ने बताया कि अभी भी बहुत सारे छात्र है जो वहां फसे हुए है.


कृष्णकांत ने दी ये जानकारी


कृष्णकांत ने बताया कि एक तरफ भारत सरकार यूक्रेन में फंसे लोगों को इंडिया वापिस ला रही है लेकिन यूक्रेन में भारत के अलावा कई और देशों के लोग भी फसे हुए है जिन्हें उनके देश की सरकार वापिस नही बुला रही है.


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