पाकिस्तान के 81 जायरीन पहुंचे रुड़की, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन अलर्ट
रुड़की रेलवे स्टेशन पर 81 पाकिस्तानी जायरीन उर्स में शामिल होने पहुंचे. उच्च सुरक्षा के बीच रेलवे और पुलिस ने उनके आगमन की व्यवस्था की थी. ये जायरीन कलियर में उर्स के कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
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Urs 2024: रुड़की रेलवे स्टेशन पर एक विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था पहुंचा. ये जायरीन विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक के 756 वें उर्स में ये जायरीन विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक के 756 वें उर्स में शामिल होने के लिए भारत आए हैं. साबिर पाक की दरगाह हर साल लाखों जायरीन को अपनी ओर आकर्षित करती है, जिसमें पाकिस्तान से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. आज सुबह अमृतसर-देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन से पाकिस्तान के 81 जायरीन रुड़की पहुंचे. भारतीय रेलवे और स्थानीय पुलिस ने उनके आगमन को लेकर विशेष इंतजाम किए थे.
रेलवे स्टेशन को सुरक्षा कारणों से छावनी में तब्दील किया गया था. जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी थी कि स्टेशन पर किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं थी,स्टेशन पर पहुंचते ही पाकिस्तानी जायरीनों को गिनती करके उतारा गया. इसके बाद उन्हें पहले से खड़ी रोडवेज बसों में बिठाकर कलियर के लिए रवाना किया गया. कलियर पहुंचने पर जायरीनों का स्वागत किया गया. यह जत्था 19 सितंबर तक कलियर में रहकर उर्स के दौरान विभिन्न रस्मों और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेगा.
हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है उर्स
पिछले वर्षों की तुलना में इस बार पाकिस्तानी जायरीनों की संख्या कम रही है, लेकिन उर्स के धार्मिक आयोजन में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है. दरगाह साबिर पाक का उर्स एक धार्मिक अवसर है जो देश-विदेश के लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यह उर्स हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है,पाकिस्तानी जायरीनों की वतन वापसी 19 सितंबर को होगी, इसके बाद वे अपने देश लौटकर धार्मिक अनुभवों और कलियर की यादों को अपने साथ ले जाएंगे.
इस विशेष अवसर पर भारतीय और पाकिस्तानी श्रद्धालुओं के बीच आपसी धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी बढ़ावा मिलता है. रुड़की रेलवे स्टेशन पर आज की घटना ने यह भी दर्शाया कि भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग और समझदारी कितनी महत्वपूर्ण है. सुरक्षा के विशेष इंतजामों के बावजूद, यह धार्मिक यात्रा दोनों देशों के बीच मित्रता और सम्मान को भी प्रकट करती है.
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