पिता से मिली सीख को नहीं भूले हैं सचिन तेंदुलकर, अब बेटे अर्जुन को भी बताई ये बात
सचिन से जब पूछा गया कि कि क्या उन्होंने बेटे को दबाव को बर्दाश्त करना सिखाया है तो उन्होंने कहा, 'यह उसका जुनून है और मैंने कभी किसी चीज के लिए दबाव नहीं बनाया।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता है। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से बेहतर इस बात को भला और कौन बता सकता है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने जो कुछ अपने पिता से सीखा उसे बेटे अर्जुन को भी सिखाने की कोशिश करते हैं। तेंदुलकर का कहना है कि उनके पिता कहा करते थे कि सफल होने के लिए कभी भी शॉर्ट कट सहारा मत लो और वो यही बात अपने बेटे अर्जुन तेंदुलकर को भी सिखाते हैं। अर्जुन हाल ही में मुंबई टी-20 लीग खेल रहे थे। लीग में उनकी बॉलिंग और बैटिंग दोनों खूब चमकी। अर्जुन को आकाश टाइगर्स मुंबई वेस्टर्न ने पांच लाख में खरीदा था। वानखेड़े में खेले गए सेमीफाइल में भी अर्जुन ने अच्छा प्रदर्शन किया था।
किसी चीज के लिए दबाव नहीं बनाया
सचिन से जब पूछा गया कि कि क्या उन्होंने बेटे को दबाव को बर्दाश्त करना सिखाया है तो उन्होंने कहा, 'यह उसका जुनून है और मैंने कभी किसी चीज के लिए दबाव नहीं बनाया। मैंने कभी क्रिकेट खेलने के लिए भी नहीं कहा। पहले वह फुटबॉल खेलता था इसके बाद चेस में उसकी रुचि जागी। मैंने उससे कहा कि जीवन में कुछ भी करो लेकिन शॉर्ट कट मत लो। यही बात मेरे पिता (रमेश तेंडुलकर) कहा करते थे।'
बेटा अच्छा परफॉर्म करे
एक और सवाल पर मास्टर ब्लास्टर ने कहा, हर एक अभिभावक की तरह वह खुद ये चाहते हैं कि उसका बेटा अच्छा परफॉर्म करे। "उसे वो करना चाहिए जिसकी जरूरत है। टी20 मुंबई लीग में उसने अच्छा प्रदर्शन किया है। कुछ उतार-चढ़ावों की वजह से उसे वास्तविक जिंदगी का भी अनुभव हुआ है। यही तरीका है जो आपको विकसित कर सकता है।"
कोशिश करना अपने हाथ में है
सचिन तेंदुलकर ने का कि 'इस खेल (क्रिकेट) में व्यक्ति हमेशा एक स्टूडेंट की तरह रहता है। यही बात मैं उसे समझाने की कोशिश करता हूं। परिणाम तो भगवान के हाथों में है लेकिन कोशिश करना अपने हाथ में है।' अर्जुन तेंदुलकर आइसीसी चैंपियन ट्रॉफी में इंग्लैंड में जाकर टीम इंडिया के खिलाड़ियों को नेट प्रैक्टिस करा चुके हैं। इसके अलावा कई और मौकों पर वे टीम के साथ रहे हैं।