Sadhana Yadav News: साधना यादव को याद कर बिधुना के लोग हुए भावुक, कहा- विकास कार्यों पर हमेशा रहता था जोर
Aureya: बिधूना के लोग साधना गुप्ता की मौत से काफी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह की पत्नी बनने के बाद भी उन्होंने यहां का जमकर विकास किया और लोगों के प्रति उनका व्यवहार हमेशा मिलनसार रहा.
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Mulayam Singh Yadav Wife Sadhna Gupta Passed Away: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. साधना गुप्ता की उम्र 62 साल थी और वह मुलायम सिंह से 20 साल छोटी थीं. साधना गुप्ता औरैया जिले के बिधूना कस्बे की रहने वाली थीं. एक शरफ़ा व्यापारी ने कहा कि उनका स्वभाव पहले से ही बिधूना व यहां के लोगों के लिए मिलन सार रहा था. साधना का आधा जीवन इसी बिधूना कस्बे में व्यतीत हुआ. साधना जब कभी बिधूना आया करतीं तभी इस क्षेत्र के विकास कार्यों को अपने पति मुलायम सिंह यादव से कहकर पूरा करवातीं थीं और यही वजह है कि आज पूरा बिधूना साधना के निधन पर मौन और शोकाकुल है. उनके निधन की खबर सुनते ही यहां के कई परिवार उनके अंतिम दर्शन के लिए लखनऊ निकल गए.
ऐसे बनी थीं मुलायम सिंह यादव की जीवन संगिनी
औरैया जनपद बनने से पहले बिधूना इटावा क्षेत्र में आता था. साल 1980 में साधना समाजवादी पार्टी से जुड़ी थीं और सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पहचानी जाती थीं. इस बीच फर्रुखाबाद के रहने वाले व्यापारी चंद्रप्रकाश गुप्ता से 4 जुलाई 1986 को साधना की पहली शादी हुई थी. करीब एक साल के बाद साधना और चंद्रप्रकाश में अनबन शुरू हो गई और साधना पति को छोड़ कर चली आई थीं. इसके बाद 1990 में उनका आधिकारिक तलाक हो गया था. उन्होंने 7 जुलाई 1987 को बेटे प्रतीक को जन्म दिया था. साल 2003 में जब मुलायम सिंह की पहली पत्नी का निधन हुआ तब उन्होंने औरैया जिले के बिधूना क्षेत्र की रहने वाली साधना गुप्ता को पत्नी का दर्जा दिया. इससे पहले साधना गुप्ता की मुलाकात मुलायम सिंह से 1980 में हुई थी.
पिता की जिद के आगे हार गए थे अखिलेश
कुछ लोगों का कहना है कि एक समय अखिलेश यादव को साधना गुप्ता और अपने पिता मुलायम सिंह यादव की जिद के आगे भी झुकना पड़ा था. तब दरअसल, अखिलेश ने अपने मौसा और बिधूना से सपा विधायक प्रमोद गुप्ता का टिकट काटकर उनकी जगह पूर्व विधान सभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा के बेटे दिनेश वर्मा को टिकट दिया था, लेकिन मुलायम सिंह यादव अपने साढ़ू प्रमोद गुप्ता का टिकट कटने से न केवल नाराज हुए बल्कि अखिलेश पर अपने साढ़ू को टिकट देने का जमकर दबाव भी बनाया. आखिरकार, पिता मुलायम और मां साधना गुप्ता के दबाव के आगे अखिलेश यादव को झुकना पड़ा और दिनेश वर्मा का टिकट काट कर फिर से प्रमोद गुप्ता को देना पड़ा था.
बिधूना के लोग बोले- मिलनसार था साधना का व्यवहार
आज यह साधना गुप्ता की ही देन है जो औरेया का बिधूना क्षेत्र मुलायम परिवार का गढ़ बना हुआ है. साधना की वजह से यहां विकास तो जरूर हुआ, लेकिन आज भी यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ माना जाता है. बिधूना कस्बे की लोहामंडी की रहने वाले साधना गुप्ता के बचपन के दोस्तों का कहना है कि साधना गुप्ता का यहां के लोगों के लिए व्यवहार मिलनसार था. उनका ज्यादातर जीवन इन्हीं गलियों में खेल कूदकर निकला है. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह की पत्नी बनने के बाद भी उन्होंने बिधूना कस्बे में कई विकास कराए और अंत तक उन्होंने यहां के विकास का सोचा. साधना गुप्ता के ताऊ के लड़के नरायण ने ज्यादा कुछ न कहते हुए बस इतना ही बताया कि उनका व्यवहार अच्छा था.
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