Varanasi News: आने वाले नवंबर महीने में धर्म नगरी काशी से अलग-अलग अखाड़े और संप्रदायों के साधु संत भारत के लाखों गांवों तक पहुंचेंगे. इस दौरान 'हर मंदिर राम मंदिर' और 'संत चले गांव की ओर' जैसे कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय संस्कृति और राम मंदिर आंदोलन के बारे में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से चर्चा की जाएगी. इस दौरान अनेक धार्मिक अनुष्ठान का भी कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. सबसे पहले साधु संतों की ओर से काशी विश्वनाथ मंदिर में 400 संतों की मौजूदगी में महा रुद्राभिषेक किया जाएगा. इसके बाद तीन दिनों तक काशी में धर्म विमर्श चर्चा के बाद भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत कर दी जाएगी.


पहली बार भारी संख्या में देश के गांव तक पहुंचेंगे साधु संत


अखिल भारतीय संत समिति की ओर से एबीपी न्यूज़ को दी गई जानकारी के अनुसार 13 अखाड़ा और 127 संप्रदायों के संतों के नेतृत्व में भारी संख्या में साधु-संत, धर्मात्मा देश के लाखों गांवों तक पहुंचेंगे. इस दौरान 'हर मंदिर राम मंदिर' और 'संत चले गांव की ओर' जैसे कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को राम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं के संघर्ष के बारे में बताया जाएगा.


2 नवंबर को वाराणसी से होगी शुरुआत


इस दौरान अलग-अलग गांव में अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन किया जाएगा. 2 नवंबर को वाराणसी से इसकी शुरुआत की जाएगी, जहां सबसे पहले भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में 400 संतो की ओर से महारुद्राभिषेक कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. इसके बाद 3 नवंबर से काशी में मौजूद अनेक संत महामंडलेश्वर सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सांस्कृतिक संसद में धर्म विमर्श करेंगे. इसके अलावा 5 नवंबर को मातृ संसद के बाद युवा संसद का आयोजन होगा जिसमें भारी संख्या में युवा भाग लेंगे. इसी दिन 'संत चले गांव की ओर' कार्यक्रम की शुरुआत होगी.


2024 के पहले धार्मिक माहौल


काशी धर्म नगरी के साथ-साथ राजनीति का भी बहुत बड़ा केंद्र है. खासतौर पर 2024 के बाद वाराणसी और आसपास के जनपद को साधने के लिए, इस सियासे अखाड़े पर राजनीतिक दलों और प्रमुख नेताओं में खासा दिलचस्पी देखी जाती है. ऐसे में आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले काशी से शुरुआत हो रहे इस धार्मिक यात्रा को राजनीतिक आधार पर भी बेहद अहम माना जा रहा है. भारी संख्या में साधु-संत भारत के लाखों गांवों तक पहुंचेंगे और इस दौरान वह विशेष तौर पर राम मंदिर निर्माण, भारत की प्राचीन संस्कृति के बारे में चर्चा करेंगे. वैसे चुनाव से ठीक पहले शुरू हो रहे हैं इस धार्मिक यात्रा का ग्रामीण क्षेत्र में क्या प्रभाव देखने को मिलता है यह देखना अहम होगा.


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