अयोध्या. उत्तर प्रदेश में अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए कानून बनाए जाने की सूचना पर अयोध्या के संत समाज ने स्वागत किया है. संतों ने कहा कि अवैध तरीके से बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका निर्माण करने वालों पर कठोर कार्रवाई भी होनी चाहिए.
रामलला के प्रधान पुजारी ने भी किया फैसले का स्वागत
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अवैध निर्माण और सार्वजनिक स्थल पर धार्मिक स्थल बनाए जाना अनुचित है. अराजकता का माहौल है, जो जहां चाहता है वहीं पर मंदिर-मस्जिद बना लेता है. सार्वजनिक स्थल पर बना हुआ धार्मिक स्थल जो अवैध है उसको हटाया जाना जरूरी है. दंड का प्रावधान किया गया है वह भी बहुत जरूरी है.
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जब तक दंड नहीं होगा तब तक धार्मिक स्थल अवैध तरीके से निर्मित होते रहेंगे. सरकार को इस नियम को पास करके शक्ति से लागू कर देना चाहिए. सार्वजनिक स्थल पर बने हुए धार्मिक स्थलों को शक्ति के साथ हटाया जाना चाहिए. अवैध धार्मिक स्थलों से यातायात बाधित होता है इससे सामान्य जनता को समस्या होती है.
वहीं, संत परमहंस दास ने कहा कि धार्मिक स्थल को सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए लोग हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. यह निंदनीय है और देवी-देवताओं का स्थल आस्था का विषय होना चाहिए. ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. हम धर्माचार्य इसकी सराहना करते हैं और लोगों से अपील करते हैं कि धार्मिक स्थल अपनी निजी जमीन पर बनाएं ना कि सार्वजनिक संपत्ति या सरकारी संपत्ति पर.
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