Sahara Subrata Roy Last Rites: देश के जाने-माने कारोबारियों में शुमार सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार (14 नवंबर) को निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में मुंबई में आखिरी सांस ली. देश के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर सुब्रत रॉय को सहाराश्री के नाम से भी जाना जाता था. उनका कारोबार मीडिया, हॉस्पिटैलिटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, एयरलाइन और रियल एस्टेट तक फैला था.
सुब्रत रॉय का सहारा ग्रुप कई सालों तक भारतीय क्रिकेट टीम का भी स्पॉन्सर रहा था. बॉलीवुड सितारों से लेकर देश के बड़े-बड़े नेताओं के करीबी रहे सुब्रत रॉय के बेटों की शादी में बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल हुई थीं. उनका रसूख ऐसा था कि लखनऊ में बनाई गई उनकी सहारा सिटी में रहने के लिए बड़े-बड़े लोग लाइन में लगा करते थे. सहारा प्रमुख का विवादों से भी नाता रहा है, जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.
सुब्रत रॉय से जुड़ा ये विवाद
उन्हें अपने समूह की कंपनियों के संबंध में कई नियामक और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा, जिन पर बहु-स्तरीय विपणन योजनाएं बनाने के लिए नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाया गया था. दरअसल, एक व्यक्ति ने साल 2010 में नेशनल हाउसिंग बैंक को चिट्ठी लिखकर सहारा ग्रुप की दो कंपनियों की ओर से जारी बॉन्ड्स की जांच करने का अनुरोध किया था. इसमें आरोप लगाया गया था बॉन्ड्स को नियमों के अनुसार जारी नहीं किया गया.
सेबी ने पैसे लौटाने के दिए आदेश
नेशनल हाउसिंग बैंक ने ये जानकारी सेबी को दी थी. जिसके बाद सेबी ने जांच करते हुए 2011 में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था.
नियामक ने फैसला दिया था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा था, जिसमें दोनों कंपनियों को निवेशकों से लिए गए धन को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने के लिए कहा गया था. अंततः सहारा को निवेशकों को रिफंड के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा गया.
दो साल तक रहे जेल में
हालांकि समूह ने हमेशा कहा कि यह दोहरा भुगतान है क्योंकि वह पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को रकम सीधे वापस कर चुका है. कोर्ट ने सुब्रत रॉय को जेल भेज दिया था क्योंकि कथित तौर पर सहारा ग्रुप की कंपनियां निवेशकों को भुगतान करने में विफल रही थीं. उन्होंने लगभग दो साल जेल में बिताए. 2017 से वह पेरोल पर बाहर थे.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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