Sahara Subrata Roy Died: सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मुंबई में बीती रात निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके निधन से गोरखपुर में भी शोक की लहर है. उन्होंने गोरखपुर से सहारा चिटफंड कंपनी की शुरुआत की थी. चिटफंड कंपनी से शिखर पर पहुंचकर सुब्रत रॉय पूरी दुनिया में मशहूर हो गए. उनका जन्म बिहार के अररिया जिले में 10 जून 1948 को हुआ था. उन्होंने गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. साल 1974 में उन्होंने नमकीन के छोटे-छोटे पैकेट बनाकर व्यापारियों को जोड़ने का काम किया. शहर के छोटे-छोटे व्यापारियों से उनके अच्छे संबंध रहे हैं. उन्होंने व्यापारियों को छोटी बचत के लिए प्रेरित किया.
सुब्रत रॉय का लैंब्रेटा स्कूटर सहारा के दफ्तर में
सिविल कोर्ट के अधिवक्ता शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव बताते हैं कि उनका बचपन सुब्रत रॉय की गोद में बीता है. सुब्रत रॉय शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव के घर 'इंद्रावती निवास' में 250 रुपए मासिक किराए पर रहते थे. उन्होंने सुब्रत रॉय लैंब्रेटा स्कूटर पर सवारी भी की है. लखनऊ के सहारा ऑफिस में लैंब्रेटा स्कूटर सुब्रत रॉय की यादों को संजोए हुए है. पिता एडवोकेट सूरज कुमार श्रीवास्तव सहारा के फाउंडर मेंबर और लीगल एडवाइजर भी रहे हैं. पिता की मौत के तीन माह बाद सुब्रत रॉय गोरखपुर में घर पर सांत्वना देने आए थे. उन्होंने सुब्रत रॉय की मौत को परिवार के लिए निजी क्षति बताया.
पूर्व मेयर अंजू चौधरी को भाभी कहकर बुलाते थे
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष और पूर्व मेयर अंजू चौधरी की भी सुब्रत रॉय के साथ पुरानी यादें जुड़ी हैं. उन्होंने बताया कि सुब्रत रॉय भाभी कहकर बुलाते थे. देवर के साथ क्रिकेट खेलने जाते. सुब्रत रॉय ने नमकीन और बिस्किट के पैकेट बनाकर दुकानों में सप्लाई करने का काम शुरू किया. छोटे बचतकर्ताओं के बल पर उन्होंने देश-दुनिया में गोरखपुर का नाम रोशन किया. हर आयोजन में सुब्रत रॉय बुलाते थे. गोरखपुर में अंजू चौधरी के फैशन शो को सहारा ने स्पॉन्सर किया. फिल्म और खेल जगत की बड़ी हस्तियों ने फैशन शो में भाग भी लिया.
उर्मिला मातोंडकर, डायना हेडेन और कपिल देव उनके घर आ चुके हैं. सुब्रत रॉय की मौत से काफी सदमा लगा है. एसएस एकेडमी स्कूल के डायरेक्टर कनक हरि अग्रवाल सुब्रत रॉय की सादगी को याद करते हैं. उन्होंने बताया कि पहली बार उनके सम्मान के लिए गोरखपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. शुरू में सुब्रत रॉय आयोजन का हिस्सा बनने को तैयार नहीं हुए. लेकिन लोगों की बात का मान रखने के लिए उन्होंने कार्यक्रम में शिरकत की. गोरखपुर से सुब्रत रॉय का काफी जुड़ाव रहा है.
उन्होंने गोरखपुर को देश और दुनिया में पहचान दिलाई. उनकी मौत गोरखपुर समेत देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है. फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले सुब्रत रॉय ने कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच से सहारा इंडिया को शिखर तक पहुंचाया. गोरखपुर की सड़कों से आसमान की बुलंदियों तक पहुंचे सुब्रत रॉय ने फाइनेंस से लेकर हाउसिंग और अन्य क्षेत्रों में भी हाथ आजमाया. सहारा एयरलाइंस और भारतीय क्रिकेट टीम को प्रमोट करने वाले सुब्रत रॉय ने खेलों को भी खूब बढ़ावा दिया. छोटे बचतकर्ताओं को भी प्रेरित करने का उन्होंने काम किया. सहारा प्रमुख ऐसे ही बिजनेस टायकून नहीं बने थे.