Saharanpur:  सहारनपुर में बिजली विभाग का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. बिजली विभाग द्वारा 24 किसानों पर कराई गई एफआईआर में 10 मृतकों के नाम मामला दर्ज किया गया है. बिजली विभाग के इस कारनामे के बाद सवाल यह है कि क्या मृतक व्यक्ति मीटर उखाड़ सकते हैं? इसका सही जवाब तो विद्युत विभाग ही दे सकता है.
बिजली विभाग ने की लापरवाही
मामला थाना गागलहेड़ी क्षेत्र के गांव रंगेल का है. जहां कुछ दिन पहले बिजली विभाग ने किसानों के ट्यूबवेलो के केबल काटकर बगैर किसानों की सहमति के मीटर लगा दिए थे. मीटरों में टेक्निकल प्रॉब्लम होने के कारण बिलो में बढ़ोतरी हुई बिल दो-दो हफ्ते के 5-5 और 6-6 हजार आए तो किसानों ने इसका विरोध किया तो विधुत विभाग के अधिकारियों ने उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकाला. जिसके बाद किसानों ने सभी मीटर उतार कर डिवीजन मे जमा करा दिए थे. जिसकी रिसीविंग भी किसानों को विधुत विभाग के अधिकारियों ने उपलब्ध करा दी थी. लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों ने रंगेल गांव के 24 किसानों पर विभागीय संम्पत्ति से छेड़छाड़ और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर अवर अभियंता अश्वनी चौबे ने थाना गागलहेड़ी में तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराया है.


10 मृतकों के खिलाफ बिजली विभाग ने दर्ज किया मामला
किसानों के 24 नामों मे से यह 10 नाम ऐसे है जो कि कई कई साल पहले मर चुके हैं. जिसमे आत्माराम, हमीद, हरिचन्द, यासीन, साकिल, दासिराम, कालूराम त्यागी, बिसम्बर, ह्रदय राम, रशूल अहमद है. विधुत विभाग के अधिकारियों ने बिना जांच पड़ताल के इतनी बड़ी कार्रवाई कर दी. अब यह कार्रवाई क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं पीड़ित किसानों का कहना है कि अगर विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया तो हम किसान लोग आंदोलन करेंगे और साथ-साथ बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे


किसानों ने लगाया बिजली विभाग के अधिकारियों पर आरोप
किसानों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यहां भी पोर्टल पर भी इस मामले को लेकर शिकायत की है. जिसमें बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया. किसानों का आरोप है बिना पैसे के बिजली विभाग में कोई काम नहीं किया जाता. जिससे विभाग में भ्रष्टाचार पनपता जा रहा है. हम गरीब किसानों का खून बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी चूस रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर कनेक्शन ट्रांसफर कराने की भी विद्युत विभाग के अधिकारियों से बात करते हैं तो उसमें भी पैसे की डिमांड की जाती है जिस कारण कनेक्शन ट्रांसफर नहीं कराए जाते.

बिजली विभाग ने दी अपनी सफाई 
इस मामले में उपखंड अधिकारी एसएस भंडारी ने बताया कि किसानों के यहां मीटर लगाए गए थे जिसको उन्होंने गलत तरीके से उखाड़ दिया गया. जिस नाम पर ट्यूबवेल का कनेक्शन चल रहा था उन्हीं नामों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है. मृतकों के नाम को लेकर कहा कि कुछ लोगों द्वारा अपने पिता की मृत्यु के बाद कनेक्शन में नाम चेंज नहीं कराए गए हैं इस कारण विभाग द्वारा कनेक्शन में दर्ज नाम से ही शिकायत की गई थी.


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